Indian Railways IRCTC: भारतीय रेलवे ने भारत का पहला केबल आधारित रेल पुल बनाया है. इस कदम से भारतीय रेलवे कश्मीर घाटी को बाकी रेल नेटवर्क से जोड़ने के और करीब पहुंच गई है. केबल आधारित रेलपुल के तैयार होने के बाद कश्मीर के दूर-दराज इलाको में भी रेल सेवाएं दिखेगी और आवागमन आसान होगा. साथ ही व्यापार आदि में भी मदद मिलेगी.
देश का पहला केबल आधारित रेल पुल को अंजी खड्ड ब्रिज नाम दिया गया है. यह जम्मू-कश्मीर में ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के सबसे महत्वपूर्ण भागों में से एक है. यह एक सेंट्रल पायलन की धुरी पर संतुलित एक असममित केबल आधारित पुल है, जो हिमालय के दुर्गम पहाड़ी इलाकों में बनाया जा रहा है.
केबल आधारित पुल पर कितना हुआ काम
अंजी खड्ड ब्रिज पर सभी 96 केबल को सही स्थिति के अनुसार स्थापित कर दिया गया है. ये काम 26 अप्रैल 2023 को पूरा कर लिया गया है और अभी और काम बाकी है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. इसके स्ट्रक्चर को मई तक तैयार कर लिया जाएगा. केबल को सही जगह पर लगाने के लिए 11 महीने का रिकॉर्ड समय लगा है.
कटरा और रियासी को जोड़ेगा ये पुल
अंजी खड्ड ब्रिज को ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर में कटरा और रियासी को जोड़ने के लिए तैयार किया जा रहा है. यह असममित केबल आधारित पुल अंजी नदी, जोकि चिनाब नदी की एक सहायक नदी है और गहरे खड्डों को पार करता है. यह पुल कटरा छोर पर सुरंग टी-2 और रियासी छोर पर सुरंग टी-3 को जोड़ता है.
कितनी है पुल की लंबाई
इस पुल की कुल लंबाई 725 मीटर है, जिसमें 473 मीटर लंबा असममित केबल आधारित पुल शामिल है, जो नींव के शीर्ष से 193 मीटर की ऊंचाई वाले सेंट्रल पायलन की धुरी पर संतुलित है और जो नदी के तल से 331 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. इस केबल आधारित पुल में उत्तरी छोर (कटरा की ओर) पर 290 मीटर का स्पैन और दक्षिणी छोर (रियासी की ओर) पर 183 मीटर का स्पैन है. इस पुल पर इकहरी लाइन का रेलपथ है और 3.75 मीटर चौड़ी सर्विस रोड है.
तीन लेयर मोटी परत
इस पुल के स्टैंड में 15.7 एमएम व्यास के साथ डिजाइन किये गये हैं और इन स्टैंडों पर सुरक्षा की तीन परतें जिंक कोटिड, वैक्स फिल्ड प्लस पीयू/एचडीपीई से कवर करती हैं. इन केबलों की लंबाई 80 मीटर से लेकर 295 मीटर तक है. इन स्टे केबलों में 31, 37 और 43 स्टैंड है. हर लेटरल और सेंट्रल स्पैनों पर 48 केबलों के अनुसार डिजाइन किया गया है. इन केबल का कुल भार 848.7 एमटी है और इसमें शामिल केबल स्टैंडों की कुल लंबाई 653 किलोमीटर है. सुपर स्ट्रक्चर की लॉन्चिंग मई 2023 तक पूरी कर ली जाएगी.
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