नई दिल्लीः भारतीय रेलवे के एक अधिकारी ने कहा है कि 12 निजी रेलगाड़ियों का पहला सैट 2023 से ऑपरेशनल हो जाएगा. इसके बाद अगले वित्त वर्ष में ऐसी 45 रेलगाड़ियां शुरू होंगी. रेलवे के अधिकारी ने कहा कि ऐसी सभी 151 रेलगाड़ियां अपने पहले के तय कार्यक्रम के मुताबिक 2027 तक शुरू हो जाएंगी.


रेलवे ने किए प्रस्ताव आमंत्रित
रेलवे ने अपने नेटवर्क पर निजी कंपनियों की यात्री रेलगाड़ियों के परिचालन की अनुमति देने की अपनी योजना को औपचारिक रूप से आगे बढ़ाने के लिए इस महीने की शुरुआत में देश भर के 109 जोड़े रूटों पर 151 आधुनिक यात्री रेलगाड़ियां चलाने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं.


वित्त वर्ष 2026-27 तक 151 निजी रेलगाड़ियां शुरू होंगी
निजी रेलगाड़ियों के संबंध में रेलवे की योजना 2022-23 में ऐसी 12 रेलगाड़ियां चलाने की है. इसके बाद वर्ष 2023-24 में 45, वर्ष 2025-26 में 50 और इसके अगले वित्त वर्ष में 44 रेलगाड़ियां शुरू करने की योजना है. इस तरह वित्त वर्ष 2026-27 तक कुल 151 रेलगाड़ियां शुरू की जाएंगी.


रेलवे ने 8 जुलाई को जारी किया था आरएफक्यू-नवंबर तक आखिरी रूप दिया जाएगा
इस संबंध में आठ जुलाई को जारी किए गए योग्यता के लिए अनुरोध (आरएफक्यू) को नवंबर तक अंतिम रूप दिए जाने का अनुमान है और वित्तीय बोलियों को मार्च 2021 तक खोला जाएगा. इसके बाद 31 अप्रैल 2021 तक बोलीदाताओं का चयन किए जाने का अनुमान है. अधिकारी ने कहा कि कुल आय में ज्यादातम हिस्सेदारी की पेशकश करने वाले बोलीदाताओं को परियोजना दी जाएगी.


70 फीसदी निजी रेलगाड़ियों की मैन्यूफैक्चरिंग भारत में होगी
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने एक योजना तैयार की है, जिसके तहत हमें निजी रेल परिचालन शुरू करने की उम्मीद हैं. मार्च 2021 तक टेंडर्स को अंतिम रूप दिया जाएगा और मार्च 2023 से रेलगाड़ियों का संचालन शुरू हो जाएगा.’’ रेलवे ने कहा है कि 70 फीसदी निजी रेलगाड़ियों की मैन्यूफैक्चरिंग भारत में की जाएगी, जिन्हें अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के लिए डिजाइन किया जाएगा.


151 रेलगाडियों के चलने के बाद हर साल 3000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद
उन्होंने बताया कि रेलगाड़ियों के 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने पर यात्रा समय में 10-15 फीसदी की और 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने पर 30 फीसदी तक की बचत होगी. उन्होंने कहा कि रेलवे को इन 151 रेलगाड़ियों के चलाने से हर साल लगभग 3,000 करोड़ रुपये भाड़े के तौर पर मिलने की उम्मीद है. इन रेलगाड़ियों पर भारतीय रेलवे के ड्राईवर और गार्ड ही रखे जाएंगे.


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