Indian Railway: भारतीय रेलवे बदलाव के दौर से गुजर रही है. देश ने हाईस्पीड ट्रेनों (High-speed Trains) का सपना देखा था, जिसे पूरा करने में वंदे भारत (Vande Bharat) पूरी तरह से सफल होती दिख रही है. जल्द ही देश बुलेट ट्रेन (Bullet Train) के सफर का आनंद भी ले सकेगा. हालांकि बढ़ती आबादी और त्योहारों के दौरान ट्रेन टिकट की मारामारी जैसी समस्याएं अभी भी जारी हैं. इन चुनौतियों को गंभीरता से लेते हुए भारतीय रेलवे ने पुख्ता योजना तैयार की है ताकि सभी को कंफर्म टिकट (Confirm Tickets) मिल सके. इसके लिए 5 साल की योजना तैयार की गई है. इस दौरान रेल नेटवर्क में 3000 नई ट्रेनें जोड़कर इन चुनौतियों से निपटा जाएगा.
800 करोड़ यात्री सालाना करते हैं सफर
रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwani Vaishnaw) के अनुसार फिलहाल भारतीय रेलवे (Indian Railway) सालाना 800 करोड़ रेल यात्रियों की सेवा कर रही है. हम 5 साल में अपनी क्षमता को बढ़ाकर सालाना 1000 करोड़ यात्रियों तक ले जाना चाहते हैं. देश की आबादी बढ़ रही है और रेलवे भारत की लाइफलाइन है. इसलिए हमने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसके लिए हमें 3000 नई ट्रेनें चलानी होंगी, जिससे कि पुरानी ट्रेनों पर दबाव न बढ़े.
69 हजार नए कोच बनकर तैयार
जानकारी के अनुसार, फिलहाल देश में 69 हजार नए कोच बनकर तैयार हैं. हर साल भारतीय रेलवे 5000 नए कोच भी बना रहा है. इनकी मदद से रेलवे हर साल लगभग 250 नई ट्रेन शुरू कर सकता है. इनमें वंदे भारत ट्रेनें शामिल नहीं हैं. रिपोर्ट के अनुसार आने वाले कुछ सालों में 400 से 450 वंदे भारत ट्रेन चलने लगेंगी.
बढ़ेगी ट्रेनों की स्पीड और सुधरेगा ट्रैक
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे ट्रेनों की स्पीड और पटरियों को बेहतर करने पर भी काम कर रहा है. नए इलाकों में भी ट्रेन को पहुंचाने के लिए ट्रैक बिछाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यात्रा में लगने वाले समय को काम करना बहुत जरूरी है. यदि हम दिल्ली-कोलकाता रूट पर सुधार कर सकें तो यात्रा का समय लगभग 2.20 घंटे काम किया जा सकता है. वंदे भारत ट्रेनों में स्पीड तेज करने और ब्रेक लगाने की तकनीक सामान्य ट्रेनों से चार गुना बेहतर है. इसलिए हम यात्रा का समय कम कर पाए हैं. इस नई तकनीक को अन्य ट्रेनों में भी लगाया जाएगा.
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