Rupee All-Time Low Level: भारतीय शेयर बाजार में पिछले हफ्ते से गिरावट देखी जा रही है और आज भी स्टॉक मार्केट तेज गिरावट पर बना हुआ है. इसके साथ रुपये ने भी कदमताल की है और ये अपने अपने इतिहास के सबसे निचले स्तर तक आ गिरा है. रुपया शुरुआती कारोबार में नौ पैसे की गिरावट के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 83.53 पर आ गया जो कि इसका ऑलटाइम निचला स्तर है. 


क्यों आई रुपये में ऐतिहासिक गिरावट


मजबूत अमेरिकी करेंसी और कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के बीच रुपया मंगलवार को अपने सारे निचले स्तर तोड़ते हुए रिकॉर्ड लो पर चला गया है. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि घरेलू बाजारों में निगेटिव सेंटीमेंट और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के लगातार बिकवाली करते रहने से भी इंवेस्टर सेंटीमेंट पर असर देखा गया. 


रुपये की गिरावट का क्या होगा असर


विदेशी वस्तुओं की खरीद महंगी हो जाएगी और आयात के लिए सरकार को ज्यादा खर्च करना पड़ेगा जिसकी वजह से विदेशी मुद्रा भंडार के स्टोरेज पर भी विपरीत असर देखा जा सकता है. भारत के छात्रों के लिए विदेश में फीस और अन्य खर्च के लिए ज्यादा रकम लगने वाली है और इसका सेक्टर पर भी प्रभाव आएगा. 


सोमवार में भी थी रुपये में गिरावट


इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज बाजार में रुपया 83.51 प्रति डॉलर पर खुला था और शुरुआती सौदों के बाद 83.53 प्रति डॉलर पर आ गया. ये इसके पिछले बंद भाव से नौ पैसे की गिरावट दिखा रहा था और ऐतिहासिक निचला स्तर था. रुपया सोमवार को डॉलर के मुकाबले 83.44 पर बंद हुआ था. 


डॉलर इंडेक्स की तेजी की तस्वीर


इस बीच, छह प्रमुख करेंसी के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की मजबूती को परखने वाला डॉलर इंडेक्स 0.13 फीसदी की बढ़त के साथ 106.34 पर कारोबार कर रहा था और इसमें तेजी का रुझान बना हुआ है. ग्लोबल ऑयल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.53 फीसदी चढ़कर 90.58 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को शुद्ध रूप से 3268.00 करोड़ रुपये कीमत के शेयर बेचे हैं जिसके बाद रुपये पर दबाव देखा गया है. 


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