Rupee against Dollar: सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्राओं में रुपया दूसरे नंबर पर, नंबर 1 पर रहा यह पड़ोसी देश
Indian Rupee: रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अन्य सभी विदेशी मुद्राओं ने बेहतर प्रदर्शन किया है. मगर, भारतीय रुपया इस वित्त वर्ष में 0.6 फीसदी नीचे जा चुका है.
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Indian Rupee: डॉलर के मुकाबले खराब प्रदर्शन करने वाली एशियाई मुद्राओं (Asian Currency) में रुपया (Indian Rupee) दूसरे नंबर पर रहा है. डॉलर की मजबूत मांग और घरेलू इक्विटी से निकासी के कारण इसमें अगस्त के दौरान 0.2 फीसदी की गिरावट आई है. अगस्त में पहले नंबर पर बांग्लादेश की टका (Bangladeshi Taka) ने डॉलर के मुकाबले सबसे खराब प्रदर्शन किया है. फिलहाल एक डॉलर में 119.67 बांग्लादेशी टका आ रहे हैं. चालू वित्त वर्ष में डॉलर के मुकाबले रुपये में अब तक 0.6 फीसदी की गिरावट आ चुकी है.
बांग्लादेशी टका का प्रदर्शन रहा सबसे खराब
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, एशियाई मुद्राओं में सिर्फ रुपये और टका में भी डॉलर के मुकाबले गिरावट देखी गई. अगस्त में रुपया 0.2 फीसदी गिरा है. शुक्रवार को रुपया 83.89 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. यह इसके ऑल टाइम लो 83.97 रुपये प्रति डॉलर के करीब है. रुपये का यह खराब प्रदर्शन तब है, जब अमेरिकी डॉलर कमजोर हुआ है. इक्विटी सेगमेंट में एफपीआई की कमी से रुपये पर बुरा असर पड़ा है. इसके अलावा इम्पोर्टर्स द्वारा डॉलर की डिमांड में हुए इजाफे के चलते भी रुपया प्रभावित हुआ है. अगस्त में ज्यादातर विदेशी मुद्राओं ने डॉलर के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन किया है.
आरबीआई ने रुपये को बचाया था नीचे जाने से
चालू वित्त वर्ष में रुपये में अब तक 0.6 फीसदी की गिरावट आई है. वित्त वर्ष 2023-24 में अमेरिकी डॉलर (US Dollar) के मुकाबले हांगकांग डॉलर (Hong Kong Dollar) और सिंगापुर डॉलर (Singapore Dollar) के बाद रुपया तीसरी सबसे स्थिर एशियाई मुद्रा थी. इसमें 1.5 फीसदी की गिरावट देखी गई थी जबकि इससे पहले वित्त वर्ष 2023 में डॉलर के मुकाबले रुपया 7.8 फीसदी नीचे गया था. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की सक्रियता से रुपये का यह प्रदर्शन सामने आया था.
1994 में डॉलर के मुकाबले ऊपर गया था रुपया
साल 2023 में रुपये ने डॉलर के मुकाबले कम अस्थिरता दिखाई थी. यह 3 दशकों का सबसे अच्छा प्रदर्शन था. उस समय भारतीय रुपये ने डॉलर के मुकाबले 0.5 फीसदी की मामूली गिरावट का अनुभव किया था. आखिरी बार रुपये में ऐसी स्थिरता साल 1994 में दिखाई थी. उस दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया 0.4 फीसदी ऊपर गया था. अब विशेषज्ञों को उम्मीद है कि आगे रुपये का प्रदर्शन सुधरेगा. आरबीआई फिलहाल रुपये को 84 के पार नहीं जाने देगा.
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