बदलते आर्थिक हालात के बीच अप्रैल महीने के दौरान कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राओं में मजबूती दर्ज की गई. भारतीय मुद्रा रुपया भी इस दौरान सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वालों में से एक रहा. भारतीय रुपये को पिछले महीने के दौरान कई फैक्टर्स से मजबूती मिली है.


इतना मजबूत हुआ रुपया


अप्रैल महीने के दौरान भारतीय रुपये के भाव में अमेरिकी डॉलर की तुलना में करीब 0.50 फीसदी की तेजी आई. पिछले महीने के अंतिम कारोबारी दिवस यानी 28 अप्रैल को भारतीय रुपया अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले तीन पैसे की गिरावट के साथ 81.82 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. भारतीय रुपये को एफपीआई की लिवाली और घरेलू शेयर बाजारों की तेजी से बल मिला था. पूरे महीने के दौरान भारतीय रुपये में करीब 40 पैसे की मजबूती आई.


बाजार में भी आई तेजी


अप्रैल महीने के दौरान एफपीआई ने भारतीय बाजार में 11,631 करोड़ रुपये की खरीदारी की. इस तरह विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक लगातार दूसरे महीने इंडियन इक्विटीज के शुद्ध खरीदार रहे. वहीं घरेलू शेयर बाजारों की बात करें तो अप्रैल महीने के दौरान बीएसई सेंसेक्स में 3.4 फीसदी की तेजी आई. इसी तरह अप्रैल 2023 में निफ्टी 50 3.8 फीसदी मजबूत हुआ.


दो महीने में इतना चढ़ा भाव


भारतीय रुपये के भाव में पिछले कुछ समय से लगातार तेज गिरावट दर्ज की जा रही थी. इस साल फरवरी में तो डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया कमजोर होकर 82.94 के स्तर तक गिर गया था. इस तरह देखें तो करीब दो महीने के भीतर रुपये में 1 रुपये प्रति डॉलर से ज्यादा की मजबूती आई है. इसे भारतीय मुद्रा के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है.


इन कारणों से मिली मदद


दरअसल बदले आर्थिक हालात ने अमेरिकी डॉलर के भाव को नरम किया है. अमेरिका में आर्थिक वृद्धि की दर सुस्त पड़ी है. कई यूरोपीय अर्थव्यवस्थाएं मंदी की दहलीज पर हैं. दूसरी ओर अमेरिका से शुरू हुआ बैंकिंग संकट भी समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है. आर्थिक अनिश्चितता के इस माहौल में निवेशक डॉलर से दूरी बना रहे हैं, जिससे अमेरिकी मुद्रा में नरमी आ रही है और अंतत: उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राओं को फायदा हो रहा है.


अन्य उभरती मुद्राओं का हाल


आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2023 महीने के दौरान उभरती मुद्राओं में सिर्फ एक ने ही भारतीय रुपये से बेहतर परफॉर्म किया. इस दौरान इंडोनिशयाई रुपये (Indonesian Rupiah) में सबसे ज्यादा करीब 2 फीसदी की तेजी आई. अप्रैल महीने के दौरान डॉलर के मुकाबले मजबूत होने वाली अन्य मुद्राओं की बात करें तो थाई बह्त (Thai Baht) में 0.17 फीसदी की तेजी आई. हांगकांग का डॉलर (Hong Kong Dollar) स्थिर रहा, जबकि सिंगापुर डॉलर (Singapore Dollar) में 0.4 फीसदी की, जापानी येन (Japanese Yen) में 0.7 फीसदी की, चीन के रेनमिन्बी (Chinese Renminbi) में 0.73 फीसदी की और ताईवानी डॉलर (Taiwanese Dollar) में 0.84 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.


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