भारतीयों ने दिसंबर में विदेश यात्राओं पर खर्च किए 1.137 अरब डॉलर, RBI ने जारी किए आंकड़े
Indians Spent on Foreign Travel: भारत के नागरिकों के बीच विदेश यात्राओं को लेकर रुचि और बढ़ रही है. इसका असर फॉरेन ट्रेवल के आंकड़ों पर दिख रहा है और ये काफी तेजी से बढ़ा है. जानें सभी आंकड़े-
Indians Spent on Foreign Travel: कोरोनाकाल के बाद भारतीयों के बीच विदेश यात्रा को लेकर क्रेज फिर लौट रहा है. अब आरबीआई ने ऐसा आंकड़ा जारी किया है जिसके दम पर ये बात और भी ज्यादा साबित हो रही है. इस वित्त वर्ष यानी साल 2022-23 के पहले 9 महीनों में भारतीयों ने विदेश यात्रा पर कुल 10 अरब डॉलर का खर्च किया है. अप्रैल-दिसंबर 2022 के दौरान भारतीयों ने कुल 10 अरब डॉलर का खर्च फॉरेन ट्रैवल पर कर दिया है जो अब तक किसी भी वित्त वर्ष में किए गए कुल खर्च से भी सबसे ज्यादा है.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जारी किए आंकड़े
इसे अगर प्री-कोविडकाल से पहले के आंकड़ें से तुलना की जाए तो वित्त वर्ष 2020 में ये सबसे ज्यादा रहा था जब भारतीयों ने विदेशी यात्राओं पर कुल 7 अरब डॉलर का खर्च किया था. देश के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के जारी एक आंकड़े के मुताबिक अकेले दिसंबर 2022 में भारतीयों ने फॉरेन ट्रैवल पर कुल 1.137 अरब डॉलर का खर्च कर दिया है. इसके आधार पर अप्रैल-दिसंबर 2022 के दौरान देश का कुल क्रॉस ब्रॉर्डर छुट्टियों पर किया गया खर्च 9.947 अरब डॉलर पर आ गया.
भारतीयों की रेमिटेंस की रकम में भी बड़ा इजाफा
रेमिटेंस के आंकड़े देखें तो मौजूदा वित्तीय वर्ष में भारतीयों ने 19,354 मिलियन डॉलर की रकम बाहर भेजी है. इसे विदेशी मुद्रा के रूप में किए गए खर्च के आधार पर देखा गया है और इसमें एजूकेशन, रिश्तेदारों से मुलाकात, गिफ्ट्स और इंवेस्टमेंट्स पर खर्च को शामिल किया गया है. ये वित्त वर्ष 2022 में किए गए पूरे खर्च यानी 19,610 मिलियन डॉलर के करीब का आंकड़ा है और इस दौरान रेमिटेंस के रूप में बाहरी मुल्कों में भेजा गया था.
भारतीयों की विदेश यात्राओं में बड़ा इजाफा
वित्त वर्ष 2022 में भारतीयों की विदेश यात्राओं में 35 फीसदी का इजाफा देखा गया और इससे पिछले साल यानी वित्त वर्ष 2021 में इसमें 25 फीसदी की गिरावट देखी गई थी. वहीं इस वित्त वर्ष की बात करें तो वित्त वर्ष 2023 के 9 महीनों (अप्रैल-दिसंबर) में इसमें 51 फीसदी का इजाफा देखा गया है.
क्या है इन आंकड़ों का मतलब
इन सब आंकड़ों का साफ अर्थ है कि भारतीयों में बाहर के देशों में जाने की रुचि फिर से लौट रही है और इसका असर फॉरेन ट्रेवल के आंकड़ों में भी दिख रहा है.
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