Startup in Trouble: साल 2023 का आखिरी हफ्ता चल रहा है. यह साल आईटी कंपनियां और स्टार्टअप सुस्ती, छंटनी और नुकसान जैसी चीजों को झेलते रहे. साल का अंत होते-होते पेटीएम में भी छंटनी की खबर आ गई. स्टार्टअप के लिए यह साल भारी गुजरा है. लगभग 100 भारतीय स्टार्टअप में 15,000 से अधिक कर्मचारी निकाले गए. लेऑफ्स डॉट एफवाईआई के आंकड़ों के अनुसार, कई कंपनियों ने अपना खर्च कम करने के लिए छंटनी का सहारा लिया. साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ऑटोमेशन (Automation) भी कर्मचारियों के ऊपर भरी पड़ा. समस्या इतनी बढ़ी कि कई स्टार्टअप को ताला तक डालना पड़ा. आइए एक नजर इन स्टार्टअप पर डाल लेते हैं.
इन कारणों के चलते मुसीबत में फंसे स्टार्टअप
भारतीय स्टार्टअप 2023 में फंडिंग के लिए जूझते दिखे. कोविड-19 के बाद से ही इन कंपनियों की हालत खस्ता होने लगी थी. लॉकडाउन में बढ़ी हुई डिमांड की पूर्ती के लिए नए लोगों को नौकरियां दी गईं. मांग घटने के साथ ही इन लोगों से नौकरियां छीन ली गईं. फंडिंग न आने के चलते कंपनियों को गंभीरता से खर्चे कम करने पड़े. अमरीका और यूरोप में आर्थिक सुस्ती के चलते भी इन स्टार्टअप पर बुरा असर पड़ा. आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक की रिपोर्टों ने भी ग्लोबल मंदी की आशंका जाहिर की. इसके चलते बड़े पैमाने पर छंटनी की गई. भारत सरकार के सख्त नियम भी इन पर भारी पड़े.
पेटीएम कर्मचारियों पर पड़ी एआई की मार
पेटीएम में एआई के बढ़ते इस्तेमाल के चलते लगभग 10 फीसदी कर्मचारी घटाए गए. पेटीएम के 1,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया. छंटनी का सबसे ज्यादा शिकार पेमेंट, लोन, ऑपरेशन और सेल्स डिवीजन हुए हैं.
बायजू रविंद्रन ने सैलरी बांटने के लिए घर गिरवी रखे
बायजू ने इस साल छंटनी के अपने दूसरे दौर में 2,500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला. कर्मचारियों की सैलरी बांटने के लिए बायजू के संस्थापक बायजू रवींद्रन ने अपने घर तक गिरवी रख दिए.
मीशो में छंटनी के तीन राउंड चले
ई-कॉमर्स वेबसाइट मीशो ने तीन बार छंटनी की. कंपनी लगभग 15 फीसदी कर्मचारियों को घर भेज चुकी है. कंपनी के संस्थापक और सीईओ विदित आत्रेय के ईमेल के मुताबिक, प्रभावित कर्मचारियों को एक महीने का अतिरिक्त वेतन दिया गया. एक अन्य ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म उड़ान (B2B) ने 150 कर्मचारियों को छुट्टी दे दी.
मोहल्ला टेक और डंजो में हुई बड़ी छंटनी
शेयरचैट और मोज चलाने वाली मोहल्ला टेक प्राइवेट लिमिटेड ने 2023 में लगभग 20 फीसदी और डंजो ने 30 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी की. दोनों कंपनियां नगदी संकट से जूझ रही हैं. मोहल्ला टेक से लगभग 1300 कर्मचारी निकाले जा चुके हैं. अभी 2024 में भी छंटनी का यह दौर जारी रह सकता है. किराना डिलीवरी प्लेटफॉर्म डंजो ने करीब 300 कर्मचारी बाहर निकाले हैं.
स्विगी का मीट मार्केटप्लेस बंद, जेस्टमनी का आखिरी दिन 31 दिसंबर
स्विगी ने इस प्रोडक्ट, इंजीनियरिंग और ऑपरेशन डिपार्टमेंट से 380 एम्प्लॉईज निकाले हैं. साथ ही मीट मार्केटप्लेस भी बंद कर दिया गया है. फिनटेक कंपनी जेस्टमनी ने फोनपे के साथ अधिग्रहण बातचीत खत्म होने के बाद हाल ही 31 दिसंबर को फाइनल शटडाउन का ऐलान कर दिया था. बाय नाउ पे लेटर स्कीम पर आरबीआई की सख्ती की मार यह स्टार्टअप नहीं झेल पाया और इसे शटर बंद करना पड़ा.
ओला से निकाले गए 200 लोग, कॉइनडीसीएक्स ने भी लिया कठिन फैसला
ओला ने 2023 में लगभग 200 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। निकाले गए लोग ओला कैब्स और उसकी सहायक कंपनियों ओला फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड एवं ओला इलेक्ट्रिक में काम करते थे. उधर, क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनडीसीएक्स के फाउंडर्स सुमित गुप्ता और नीरज खंडेलवाल ने एक ब्लॉग पोस्ट के जरिए लगभग 12 फीसदी कर्मचारियों की नौकरी खत्म करने का ऐलान किया था. क्रिप्टो स्टार्टअप भारत सरकार के नियमों से जूझ रहे हैं. हाई टैक्स और टीडीएस के चलते एक साल में इनका ट्रेडिंग वॉल्यूम 90 फीसदी तक घट गया है.
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