Amitabh Kant on Startups: दुनिया भर में स्टार्टअप्स इन दिनों चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. पिछले एक साल से ज्यादा समय से स्टार्टअप्स यानी नई कंपनियां फंडिंग (Startups Funding Winter) में कमी की समस्या से जूझ रही हैं. हालिया बैंकिंग संकट ने इन समस्याओं को और गंभीर बना दिया है. हालांकि नीति आयोग के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत (Former Niti Aayog CEO Amitabh Kant) का मानना है कि अभी भी वैसे स्टार्टअप्स को दिक्कतें नहीं होंगी, जिनका बिजनेस मॉडल बढ़िया है.
इन स्टार्टअप्स को नहीं होगी दिक्कत
अमिताभ कांत अभी जी20 में भारत के शेरपा (India's G20 Sherpa) की भूमिका निभा रहे हैं. वह शनिवार को TiEcon Delhi 2023 स्टार्टअप कांफ्रेंस में हिस्सा ले रहे थे. उन्होंने एक सत्र में टाटा 1एमजी के सीईओ प्रशांत टंडन के साथ बातचीत के दौरान कहा कि जिन भारतीय स्टार्टअप्स का कंपनी संचलान ठीक है और बिजनेस मॉडल बढ़िया है, उन्हें आगे भी पैसों की दिक्कत नहीं होगी, भले ही वेंचर कैपिटल फंडिंग में कमी आ रही हो.
अमिताभ कांत ने किया ये दावा
कांत ने कहा, जब आप विंटर ऑफ मनी की बात करते हैं और कहते हैं कि पैसे नहीं आ रहे हैं, तो मुझे बस इतना बताने दीजिए कि 2021 एक अपवाद वाला साल था. मुझे अभी भी लगता है कि वे भारतीय स्टार्टअप, जिनका कंपनी संचालन अच्छा है और जिनका बिजनेस मॉडल बढ़िया है, उन्हें खूब पैसे मिलेंगे. उन्होंने यह भी दावा किया कि जल्दी ही भारतीय कंपनियां, कॉरपोरेट घराने और बीमा व पेंशन फंड्स स्टार्टअप में इन्वेस्ट करने के लिए अलग से पैसे रखेंगे. मुझे नहीं लगता कि कभी भी वैसे स्टार्टअप्स के लिए पैसों की कमी होगी.
इस कारण प्रासंगिक है टिप्पणी
अमिताभ कांत की यह टिप्पणी इस कारण प्रासंगिक हो जाती है कि अभी स्टार्टअप्स फंड जुटाने में दिक्कतों का सामना कर रहे हैं. बाजार में उथल-पुथल और वृहद आर्थिक परिस्थितियों से जुड़ी चिंताओं ने इसे मुश्किल बना दिया है. इन कारणों से कई स्टार्टअप्स को छंटनियों का सहारा लेना पड़ा है, जिनमें कई भारतीय स्टार्टअप्स भी शामिल हैं.
इतना बड़ा है संभावित बाजार
कांत ने स्टार्टअप्स की आने वाली संभावनाओं के बारे में कहा कि उनके लिए बाजार सिर्फ 1.4 अरब भारतीय लोग ही नहीं हैं, बल्कि दुनिया भर के 4-5 अरब वे लोग भी संभावित बाजार हैं, जो मध्यम वर्ग का हिस्सा बनने वाले हैं. उन्होंने इस दौरान कारोबार करने को सुगम बनाने के महत्व के बारे में भी चर्चा की और बताया कि सरकार कंपनियों का बोझ कम करने का प्रयास कर रही है.
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