Investors Loss: रूस - यूक्रेन तनाव के चलते निवेशकों को हर दिन नुकसान हो रहा है. दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजारों पर भी नजर आ रहा है. मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में सुबह सुनामी आई सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट देखी गई. जिसके चलते निवेशकों की संपत्ति में भारी कमी देखी गई.
भारतीय शेयर बाजार में इस गिरावट के चलते बाजार के मार्केट कैपिटलाईजेशन में भारी कमी देखी गई. बीते पांच दिनों में मुंबई स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड शेयरों के मार्केट कैपिटलाईजेशन में 9.1 लाख करोड़ रुपये की कमी आ गई है. यानि बाजार में निवेशित निवेशकों की संपत्ति 9 लाख करोड़ रुपये ज्यादा घट गई. बीते चार सत्र से शेयर बाजार लाल निशान के साथ बंद हो रहे.
India VIX जो बाजार में अस्थिरता के पैमाने को बताता है उसमें भारी बढ़ोतरी आई है. जो बता रहा है कि अगले कुछ दिनों तक बाजार में भारी उतार चढ़ाव देखा जा सकता है. India VIX 17.5 फीसदी बढ़कर 22.9 के लेवल से 26.9 के लेवल पर जा पहुंचा है. यूरोपीय अमेरिकी शेयर बाजारों भी भारी गिरावट के साथ खुलने के संकेत दे रहे हैं. जिसके चलते भारतीय बाजार में उठापटक जारी रह सकती है.
भारत के लिए सबसे बड़ी परेशानी का सबब कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें हैं जो 100 ड़ॉलर प्रति बैरल को छूने के कगार पर है. महंगे कच्चे तेल के चलते विधानसभा चुनाव के बाद पेट्रोल डीजल के दामों भारी बढ़ोतरी की जा सकती है जिसके चलते महंगाई बढ़ने के आसार हैं. जाहिर है रूस यूक्रेन विवाद ने भारत के सामने कई चुनौतियों खड़ी कर दी है जो कोरोना महामारी के चलते अर्थव्यवस्था पर पड़े बुरे असर से उबरने की कोशिश में जुटा है.
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