Investors Wealth Loss: गुरुवार के सत्र में शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ है. और ये लगातार पाचवां ट्रेडिंग सशन है जब भारतीय बाजारों में गिरावट देखने को मिली है. पिछले पांच दिनों की गिरावट में भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों को 7.50 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. और जब से अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट आई है तबसे भारतीय बाजार के निवशकों को 20 लाख करोड़ रुपये की चपत लग चुकी है. 


पिछले पांच ट्रेडिंग सेशन में बीएसई सेंसेक्स ने पहले 61000 और फिर 60000 के लेवल को तोड़ दिया. इन पांच सेशन में सेंसेक्स में 1700 अंकों की गिरावट आ चुकी है. वहीं निफ्टी की बात करें तो 5 सत्र में 433 अंक ये इंडेक्स टूट चुका है. अडानी समूह के शेयरों में जारी गिरावट ने निवशकों के मनोबल को तोड़ दिया है. इसका ऐसा असर हुआ है कि घरेलू से लेकर विदेशी निवेशक फिलहाल के लिए बाजार से दूरी बना रहे हैं जिससे बाजार का सेंटीमेंट बिगड़ा हुआ है. 


पिछले पांच ट्रेडिंग सेशन में भारतीय बाजारों में गिरावट के चलते निवेशकों की गाढ़ी कमाई में जबरदस्त सेंध लगी है. 16 फरवरी 2023 बाजार बंद होने पर बीएसई पर लिस्टेड शेयरों का मार्केट कैप को 268.23 लाख करोड़ रुपये था जो 23 फरवरी को घटकर 260.88 लाख करोड़ रुपये रह गया है. यानि केवल 5 सत्र में निवेशकों को कुल 7.35 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. वहीं 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के जारी होने वाले दिन बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट 280.37 लाख करोड़ रुपये था. यानि एक महीने में निवेशकों को 20 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. 


बाजार में बीते एक महीने से जारी उठापटक का असर ये है कि रिटेल निवेशक अब सदमे में हैं. जनवरी महीने में घरेलू बाजार में व्यक्तिगत निवेशकों की हिस्सेदारी 34 महीनों के निचले स्तर पर आ गई है. एनएसई पर एक्टिव ट्रेडरों की संख्या भी घटी है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने कैश मार्केट में रिटेल निवेशकों ने 22,829 करोड़ रुपये का हर दिन लेनदेन किया था जो मार्च 2020 के बाद सबसे कम है. फरवरी 2021 में 58,409 करोड़ रुपये रहा था. जनवरी में एक्टिव ट्रेडिंग अकाउंट की संख्या घटकर 3.4 करोड़ रह गई. बीते साल जून में ये आंकड़ा 3.8 करोड़ था. 


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