Indian Top philanthropist: ना मुकेश अंबानी ना गौतम अडानी, अजीम प्रेमजी भी नहीं, ये हैं भारत के सबसे बड़े दानदाता
Indian Top philanthropist: देश के टॉप 10 परोपकारियों ने सम्मिलित रूप से 4625 करोड़ रुपये का दान वित्त वर्ष 2024 में दिया है और ये कुल दान की 53 फीसदी रकम बैठती है.
Indian Top philanthropist: भारत एक ऐसा देश है जहां उद्योगपति अगर जमकर पैसा कमाते हैं तो दान और डोनेशन के जरिए परोपकार के काज के लिए भी रकम देते हैं. अगर आपके मन में सवाल है कि भारत का सबसे बड़ा दानदाता कौन है या वो कौनसा उद्योगपति है जो परोपकार के लिए अपने मुनाफे में से सबसे ज्यादा रकम देते हैं तो पहले स्थान पर जो नाम आएगा वो आपको हैरान कर सकता है. देश के सबसे रईस कारोबारी मुकेश अंबानी या फोर्ब्स लिस्ट में शामिल गौतम अडानी के नाम भी ये खिताब नहीं है. ना ही परोपकार के क्षेत्र में सालों से नंबर वन रहे अजीम प्रेमजी नवंबर वन हैं और ना ही दिवंगत रतन टाटा देश के सबसे बड़े परोपकारी या दानदाता हैं.
कौन हैं भारत के सबसे बड़े परोपकारी
देश के सबसे बड़े परोपकारी या दानदाता इस समय शिव नादर एंड फैमिली हैं और ये रुतबा हासिल करके वो हुरुन इंडिया फिलॉन्थ्रॉपी लिस्ट 2024 में पहले स्थान पर आ गए हैं. ये लिस्ट हाल ही में जारी की गई थी इसमें अकेले शिव नादर एंड फैमिली ने 2153 करोड़ रुपये का दान या डोनेशन दिया. इनके बाद मुकेश अंबानी एंड फैमिली का नाम है जिन्होंने 407 करोड़ रुपये की राशि दान में दी है.
हुरुन इंडिया फिलॉन्थ्रॉपी लिस्ट के टॉप 5 कारोबारी
हुरुन इंडिया फिलॉन्थ्रॉपी लिस्ट 2024 में शिव नादर एंड फैमिली 2153 करोड़ रुपये के दान के साथ नंबर वन पर, मुकेश अंबानी एंड फैमिली 407 करोड़ रुपये के साथ दूसरे स्थान पर, बजाज फैमिली 352 करोड़ रुपये के साथ तीसरे स्थान पर, कुमार मंगलम बिड़ला एंड फैमिली 334 करोड़ रुपये के साथ चौथे स्थान पर और गौतम अडानी एंड फैमिली 330 करोड़ रुपये के साथ पांचवें स्थान पर हैं.
10 परोपकारी कारोबारियों ने दान में दी कुल इतनी रकम
देश के टॉप 10 परोपकारियों ने सम्मिलित रूप से 4625 करोड़ रुपये का दान वित्त वर्ष 2024 में दिया है. इसके दम पर देश में कारोबारियों की तरफ से दान के तौर पर दी गई रकम का कुल 53 फीसदी शुरुआती 10 कारोबारियों ने ही दिया है. दान के तौर पर जो शीर्ष रकम दी गई है वो कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी के तौर पर शिक्षा, क्वालिटी लर्निंग और शैक्षिक प्रोजेक्ट्स के लिए मुख्य तौर पर जा रही है
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