GST Council: देश के 8 करोड़ से अधिक छोटे व्यापारियों के लिए ख़ुशख़बरी, अब ऑनलाइन बेच सकेंगे माल
देश में 8 करोड़ से अधिक छोटे व्यापारी GST पंजीकरण के बिना अपना व्यापार कर रहे हैं. इनकी वार्षिक बिक्री जीएसटी सीमा से कम है. कॉउन्सिल के फैसले के बाद ऐसे व्यापारी अब ई-कॉमर्स पर अपना माल बेच सकेंगे.
GST Council Decision For Small Traders: जीएसटी परिषद की 48वीं बैठक (GST Council 48th Meeting) का समापन दिल्ली में हुआ है. इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने की है. इस बैठक में छोटे व्यापारियों को ई-कॉमर्स (e-commerce) के माध्यम से माल बेचने की अनुमति दी गई है. काउन्सिल के इस निर्णय को कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने एक बड़ा कदम बताया है.
क्या है फैसला
जीएसटी काउंसिल के इस फैसले से देशभर के छोटे व्यापारियों में ख़ुशी का माहौल देखा जा रहा है. छोटे व्यापारी जो अभी तक ई-कॉमर्स पोर्टल पर पंजीकृत नहीं हैं, अब वे भी ऑनलाइन अपना माल सेल कर सकेंगे.
कैट ने जताया आभार
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders) ने आज इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तारीफ करते हुए धन्यवाद दिया है. कैट ने कहा कि ये एक प्रगतिशील फैसला है जिसकी पिछले दो साल से अधिक समय से मांग की जा रही थी. कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने अपने सयुंक्त बयान में कहा कि यह निर्णय छोटे व्यापारियों को ई-कॉमर्स के माध्यम से अपने व्यवसाय का विस्तार करने के लिए सशक्त बनाएगा और पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया विजन को देशभर में मजबूती प्रदान करेगा.
देश में इतने हैं छोटे व्यापारी
उन्होंने कहा कि देश में 8 करोड़ से अधिक छोटे व्यापारी हैं लेकिन बड़ी संख्या में व्यापारी जीएसटी पंजीकरण के बिना व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी वार्षिक बिक्री जीएसटी सीमा से बेहद कम है. ऐसे व्यापारी अब ई-कॉमर्स पर व्यापार कर सकेंगे जो कि एक बहुत बड़ी बात है.
ई-कॉमर्स हब के रूप में उभरा भारत
प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि भारत तेजी से ई-कॉमर्स हब के रूप में उभर रहा है और ऑनलाइन कारोबार में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय अब कुल खुदरा का लगभग 10 फीसदी और वस्त्र और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कुछ क्षेत्रों का लगभग 25-50 फीसदी है. उन्होंने कहा कि ऐसे में ये जरूरी था कि छोटे वेंडर जिनका टर्नओवर छोटा है और जीएसटी के दायरे में नहीं आते हैं, वे ऑनलाइन कारोबार करने में सक्षम नहीं थे, जिससे बाजार और व्यापार के अवसरों का भारी नुकसान हो रहा था.
दालों की भूसी पर टैक्स शून्य
वही दूसरी ओर दालों की भूसी पर कर की दर 5 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दी है. बैठक में रिफाइनरियों के लिए पेट्रोल के साथ इथेनॉल मिश्रण की अनुमति 5 प्रतिशत की रियायती दर पर दी है. जीएसटी परिषद की बैठक में जीएसटी कानून के तहत अपराधों को गैर-अपराधीकरण, अपीलीय न्यायाधिकरणों की स्थापना पर चर्चा की गई है.
यह भी पढ़ें- हर महीने ब्याज से होगी 5 हजार की कमाई, जानिए क्या है सरकारी स्कीम और कैसे करें इसमें निवेश