Indian Workforce: भारत का नौकरीपेशा वर्ग पहले के मुकाबले और ज्यादा कर्ज में डूबता जा रहा है. पिछले दो साल में कर्ज लेने वालों का आंकड़ा और ज्यादा बढ़ गया है. एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, नौकरी करने वाले ज्यादातर लोगों के ऊपर 25 लाख रुपये तक का कर्ज है. यह आंकड़ा भी पिछले साल के मुकाबले बढ़ा है. मेट्रो शहरों में बिना कर्ज के जी रहे लोगों का आंकड़ा बहुत ही कम रह गया है. नौकरी करने वाली महिलाओं पर ज्यादातर कर्ज होम लोन का है. 


सिर्फ 13.4 फीसदी लोग ही बिना कर्ज के जी रहे


बैंक बाजार (BankBazaar) के सर्वे के अनुसार, नौकरी करने वाले सिर्फ 13.4 फीसदी लोग ही बिना कर्ज के जी रहे हैं. साल 2022 में यह आंकड़ा 19 फीसदी था. सर्वे से पता चला है कि पिछले दो सालों में कई नौकरी करने वाले लोगों ने किसी न किसी तरह का कर्ज लिया है. नौकरी करने वालों ने 25 लाख रुपये तक के लोन सबसे ज्यादा लिए हैं. ऐसे लोन लेने वालों का आंकड़ा अब 91.2 फीसदी हो चुका है. पिछले साल तक यह आंकड़ा 88 फीसदी था. इस सर्वे में 22 से 45 वर्ष के 1,529 लोगों से सवाल किए गए थे. इस सर्वे में 6 मेट्रो शहर और 18 टियर 2 शहरों के लोग शामिल किए गए थे. इनमें से 40 फीसदी महिलाएं थीं. इनमें से सभी की सैलरी कम से कम 30 हजार रुपये थी. 


घर-कार के अलावा इंटरनेशनल ट्रेवल पर भी कर रहे खर्च 


सर्वे के अनुसार, लोन और क्रेडिट कार्ड जैसे फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल सबसे ज्यादा नौकरी कर रहे लोग ही करते हैं. इनको डिजिटल ट्रांजेक्शन की अच्छी जानकारी होती है. साथ ही ये ऑनलाइन खरीदारी भी करते हैं. सर्वे के मुताबिक, वर्कफोर्स में मौजूद 22 से 27 साल के युवा टेक्नोलॉजी की अच्छी जानकारी रखते हैं. साथ ही वो नए फाइनेंशियल टूल्स के बारे में जानने की इच्छा रखते हैं. इसके बाद 28 से 34 साल के लोग आते हैं, जो कुछ साल नौकरी कर चुके हैं. ये घर और कार खरीदने के अलावा इंटरनेशनल ट्रेवल भी कर रहे हैं. तीसरा वर्ग 35 से 45 साल का है, जो कि आर्थिक रूप से ज्यादा मजबूत है. 


अलग-अलग कोने में ले रहे अलग तरह के लोन 


सर्वे के अनुसार, भारतीय वर्कफोर्स में घर खरीदना सबसे पहली प्राथमिकता है. इसके बाद वह अपने स्वास्थ्य, रिश्तों, प्रसिद्धि और तरक्की पर पैसा खर्च करना चाहते हैं. ट्रेवल और रिटायरमेंट के बारे में अभी नौकरीपेशा लोग उतनी जल्दी नहीं सोचते. युवाओं में अपना रोजगार करने की चाहत भी बढ़ी है. वो अपना स्टार्टअप करना चाहते हैं. इस मामले में महिलाएं आगे हैं. पूर्वी भारत में नौकरी करने वाले एजुकेशन लोन, दक्षिण भारत में कार लोन और उत्तर एवं पश्चिम भारत में होम लोन ज्यादा लेना चाहते हैं.


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