वैश्विक व्यापार के नरमी के दौर में भारत को निर्यात के मोर्चे पर राहत मिली है. ग्लोबल ट्रेड स्लोडाउन के दौरान चालू वित्त वर्ष में कुछ सेक्टर में भारत का निर्यात अच्छा रहा है. निर्यात के मामले में भारत को राहत देने वाले सेक्टरों में इलेक्ट्रॉनिक सामान, दवा और लौह अयस्क प्रमुख हैं.


मिंट की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. रिपोर्ट में साथ-साथ यह भी बताया गया है कि जहां इन सेक्टरों में निर्यात अच्छा रहा है, वहीं कुछ अन्य प्रमुख क्षेत्रों में निर्यात या तो स्थिर रहा है या उसमें गिरावट आई है. ऐसे सेगमेंट में कीमती पत्थर एवं आभूषण, पेट्रोलियम उत्पाद और इंजीनियरिंग के सामान शामिल हैं.


इन चीजों के निर्यात में आई तेजी


निर्यात के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल से नवंबर तक इलेक्ट्रॉनिक सामानों का निर्यात 17.73 बिलियन डॉलर का रहा. यह साल भर पहले की समान अवधि की तुलना में 23.88 फीसदी ज्यादा है. साल भर पहले की समान अवधि में इलेक्ट्रॉनिक सामानों का निर्यात 14.37 बिलियन डॉलर का रहा था. इसी तरह इस दौरान दवाओं का निर्यात 8.09 फीसदी बढ़कर 16.56 बिलियन डॉलर पर और लोह अयस्क का निर्यात 204.4 फीसदी बढ़कर 2.07 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया.


इन सेगमेंट में कम हो गया निर्यात


दूसरी ओर आलोच्य अवधि के दौरान इंजीनियरिंग गुड्स का निर्यात कम होकर 69.41 बिलियन डॉलर पर आ गया, जो साल भर पहले 70.5 बिलियन डॉलर रहा था. पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के निर्यात में बड़ी गिरावट आई और यह साल भर पहले के 60.26 बिलियन डॉलर से कम होकर 52.71 बिलियन डॉलर पर आ गया. जेम्स एंड ज्वेलरी सेगमेंट में आंकड़ा 26.45 बिलियन डॉलर से कम होकर 21.41 बिलियन डॉलर रह गया.


वैश्विक व्यापार को प्रभावित करने वाले फैक्टर


पिछले साल कई कारणों से वैश्विक व्यापार प्रभावित हुआ. पूर्वी यूरोप में रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध, अमेरिका और चीन के व्यापारिक तनाव, यूरोप के कार्बन टैक्स जैसे फैक्टर्स ने व्यापार में व्यवधान डाला. हालिया महीनों में इजरायल-हमास युद्ध के चलते व्यापार प्रभावित हो रहा है. इसके कारण लाल सागर और स्वेज नहर से होने वाले वैश्विक व्यापार पर असर हो रहा है.


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