एक दशक से भी ज्यादा समय पहले भारत की पहली यूनिकॉर्न स्टार्टअप कंपनी का दर्जा पाने वाली टेक कंपनी इनमोबी एक बार फिर से आईपीओ लाने की तैयारी में जुटी है. कंपनी 3 साल के अंतराल के बाद फिर से आईपीओ की योजना पर काम कर रही है. घरेलू शेयर बाजार में आईपीओ की गतिविधियां पहले से तेज हैं. इस योजना से प्रस्तावित आईपीओ की कतार में एक और बड़ा नाम जुड़ गया है.


अमेरिका के बाद अब भारत में बनी योजना


इनमोबी ने करीब 3 साल पहले अमेरिकी शेयर बाजार में लिस्ट होने की तैयारी की थी. उसके लिए कंपनी ने अमेरिकी शेयर बाजार में आईपीओ लाने की तैयारी पूरी कर ली थी. हालांकि बाद में उसे योजना से पीछे हटना पड़ा था. ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस बार इनमोबी भारतीय बाजार पर लिस्ट होने की तैयारी कर रही है, जिसके लिए आईपीओ की योजना पर नए सिरे से काम चल रहा है.


2011 में यूनिकॉर्न बन गई थी इनमोबी


इनमोबी एक ऐडटेक स्टार्टअप कंपनी है. उसके नाम यूनिकॉर्न का दर्जा पाने वाली पहली भारतीय स्टार्टअप कंपनी होने का खिताब दर्ज है. इनमोबी ने यह उपलब्धि साल 2011 में ही हासिल कर ली थी.


किन कंपनियों को मिलता है यूनिकॉर्न का दर्जा?


यूनिकॉर्न वैसी नई कंपनियों को कहा जाता है, जो व्यापार बढ़ने के साथ 1 बिलियन डॉलर का वैल्यूएशन हासिल कर लेती है. अभी भारत में दर्जनों स्टार्टअप कंपनियां यूनिकॉर्न का दर्जा पा चुकी हैं, लेकिन आज से एक दशक पहले भारतीय बाजार में इनमोबी अकेली यूनिकॉर्न स्टार्टअप कंपनी थी.


कई देशों में ऐसा कारोबार करती है इनमोबी


मोबाइल ऐड सर्विसेज पर काम करने वाली इस कंपनी का बिजनेस भारत से बाहर कई देशों में फैला हुआ है. कंपनी के प्रमुख बाजारों में चीन, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया आदि शामिल हैं. इनमोबी विज्ञापन देने वालों को ऐड तैयार करने, वेबसाइट पर आने वाली ट्रैफिक को मनीटाइज करने और ऐड कैंपेन के परफॉर्मेंस को ट्रैक करने के लिए रियल-टाइम रिपोर्ट उपलब्ध कराने जैसी सेवाएं ऑफर करती है.


अभी सामने नहीं आए आईपीओ के डिटेल


भारतीय बाजार में इनमोबी के प्रस्तावित आईपीओ की विस्तृत जानकारियां ड्राफ्ट फाइल होने के बाद सामने आ पाएंगी. नियामक के पास ड्राफ्ट फाइल होने के बाद ही पता चल पाएगा कि इनमोबी का प्रस्तावित आईपीओ कितना बड़ा होगा और कंपनी कितनी वैल्यू पाने का प्रयास करेगी. हालांकि आज से तीन साल पहले कंपनी ने जब अमेरिकी बाजार में आईपीओ लाने की तैयारी की थी, तब उसकी योजना 12-15 बिलियन डॉलर वैल्यू पाने और इश्यू से 1 बिलियन डॉलर जुटाने की थी.


आईपीओ लाने की कतार में ये बड़े नाम


भारतीय बाजार अभी ऐतिहासिक रैली का गवाह बना हुआ है. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लगातार नए उच्च स्तर का रिकॉर्ड बना रहे हैं. सेंसेक्स ने इसी सप्ताह पहली बार 80 हजार अंक के स्तर को पार किया है. इस रैली के साथ आईपीओ बाजार में भी गतिविधियां उच्च स्तर पर हैं. आने वाले दिनों में बाजार में कई बड़े आईपीओ लॉन्च होने वाले हैं. दक्षिण कोरिया की वाहन कंपनी हुंडई अपनी स्थानीय यूनिट का आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है, जो भारतीय बाजार में सबसे बड़े आईपीओ होने का एलआईसी का रिकॉर्ड तोड़ सकती है. कोकाकोला भी अपनी लोकल बोटलिंग यूनिट का आईपीओ लाने की तैयारी में है.


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