कोविड-19 की वजह से वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था का हाल बुरा रहा. लेकिन दूसरी तिमाही में हालात सुधरते नजर आ रहे हैं. अर्नेस्ट एंड यंग की रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 के शुरुआती दो महीनों के बाद हालात में सुधार दिख रहे हैं. इकनॉमी के कई इंडिकेटर सकारात्मक दिख रहे हैं.


कई इंडेक्स में सुधार, बढ़ी उम्मीद 


अर्नेस्ट एंड ने अपनी लेटेस्ट इकनॉमी वॉच रिपोर्ट में कहा है कि अर्थव्यवस्था के कई आंकड़े सकारात्मक रुझान दिखा रहे हैं. अर्नेस्ट एंड यंग सोमवार को जीडीपी ग्रोथ के आधिकारिक अनुमान जारी करेगी. अर्नेस्ट एंड यंग ने कहा है कि परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स यानी पीएमआई, आईआईपी, पैसेंजर व्हेकिल सेल्स, बिजली की खपत और विदेशी मुद्रा भंडार के सकारात्मक आंकड़ों की वजह से ऐसा लगता है कि दूसरी तिमाही में अच्छी ग्रोथ हासिल हो सकती है.


मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई और गाड़ियों की बिक्री बेहतर 


जून और जुलाई में मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई क्रमश: 47.2 और 46 रहा था, जो कि बेंचमार्क लेवल 50 से ज्यादा कम नहीं है. आईआईपी में हालांकि जून में गिरावट आई लेकिन मई के -33.9 फीसदी से सुधर कर -16.6 फीसदी पर पहुंच गई. जून में पैसेंजर व्हेकिल की बिक्री ने भी रफ्तार पकड़ी. इस महीने गाड़ियों की बिक्री 1,20,188 यूनिट्स पर पहुंच गई, जबकि अप्रैल और मई मिला कर सिर्फ 33, 546 यूनिट्स की बिक्री हुई थी.


विदेशी मुद्रा भंडार मजबूती की ओर 


हालांकि बिजली की खपत में अभी भी गिरावट का ट्रेंड है. लेकिन हालात थोड़े सुधरे हैं. अप्रैल में खपत में गिरावट -25 फीसदी थी लेकिन अगस्त में इसमें काफी सुधार दिखा और यह आंकड़ा बेहतर होकर -0.4 पर पहुंच गया. रिपोर्ट में कहा गया गया है कि विदेशी मुद्रा भंडार भी तेजी से बढ़ रहा है. अगस्त में यह बढ़ कर 538 अरब डॉलर तक पहुंच गया था.


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