एक आम कहावत चलती है कि किसी एक के नुकसान से किसी दूसरे का फायदा हो जाता है. भारतीय विमानन सेक्टर (Indian Aviation Sector) में यह बात सच साबित हुई है. विमानन सेक्टर में हाल ही में एक कंपनी गो फर्स्ट (Go First) को बर्बादी की राह पर जाना पड़ा है, जबकि दूसरी ओर इससे अन्य कंपनियों खासकर इंडिगो (Indigo) को तगड़ा फायदा हुआ है.
इतनी हो गई बाजार में हिस्सेदारी
विमानन कंपनी गो फर्स्ट पिछले कुछ समय से आर्थिक मोर्चे पर संघर्ष कर रही थी और इसके चलते कंपनी ने पिछले महीने बैंकरप्सी (Go First Bankruptcy) के लिए फाइल किया था. साथ ही कंपनी ने 3 मई को अपनी उड़ानें रद्द करने की भी जानकारी दी थी. इससे मई महीने के दौरान इंडिगो को जबरदस्त फायदा हो गया. पिछले महीने गुरुग्राम मुख्यालय वाली इस विमानन कंपनी की बाजार में हिस्सेदारी (Indigo Market Share) बढ़कर 61.4 फीसदी पर पहुंच गई, जो एक महीने पहले यानी अप्रैल में 57.5 फीसदी रही थी.
सबसे बड़ी कंपनी है इंडिगो
आपको बता दें कि इंडिगो ने 17 साल पहले अगस्त 2006 में अपना परिचालन शुरू किया था. यह लगातार भारत की सबसे बड़ी विमानन कंपनी बनी हुई है. कंपनी के पास अभी 300 से ज्यादा एयरबस और एटीआर 72-600 टर्बोप्रॉप विमानों का बेड़ा है. विमानों के बेड़े के हिसाब से भी यह अभी देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी है. मई महीने के दौरान कंपनी ने घरेलू बाजार में 81 लाख यात्रियों को सेवाएं दी.
इस मामले में विस्तारा आगे
पिछले महीने इंडिगो ने प्रदर्शन के अन्य मानकों पर भी सुधार किया. समय पर उड़ानों के संचालन की बात करें तो पिछले महीने के दौरान इंडिगो का ऑन-टाइम परफॉर्मेंस (Indigo OTP) 90.3 फीसदी रहा. यह सिर्फ विस्तारा से कम था. विस्तारा ने मई महीने के दौरान 92.6 फीसदी ऑन-टाइम परफॉर्मेंस (Vistara OTP) दिया.
टाटा समूह की 3-3 कंपनियां
घरेलू विमानन क्षेत्र की बात करें तो इंडिगो को आने वाले दिनों में कड़ी चुनौती मिल सकती है. खासकर टाटा समूह (Tata Group) से इंडिगो के वर्चस्व को चुनौती मिलने वाली है. टाटा समूह के पास अभी 3-3 विमानन कंपनियां है- एअर इंडिया (Air India), एअरएशिया इंडिया (AirAsia India) और विस्तारा (Vistara). अभी इन तीनों की बाजार हिस्सेदारी क्रमश: 9.4 फीसदी, 7.9 फीसदी और 9 फीसदी है. इस तरह समूह की पूरी हिस्सेदारी मिलाकर 26.3 फीसदी हो जाती है, जो अप्रैल के 24.9 फीसदी की तुलना में 1.4 फीसदी ज्यादा है.
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