भारतीय शेयर बाजारों (Indian Share Market) ने बुधवार 28 जून को नई ऊंचाइयां हासिल कर ली. बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) ने पहली बार 64 हजार अंक के और निफ्टी (NSE Nifty) ने 19 हजार अंक के स्तर को पार किया. इसके साथ-साथ कुछ कंपनियों ने भी नई ऊंचाई हासिल की और उनमें एक प्रमुख नाम है इंडिगो (IndiGo) का. इंडिगो के शेयरों के भाव में भी बुधवार को अच्छी-खासी तेजी देखी गई.
इतना हो गया इंडिगो का एमकैप
बुधवार को इंडिगो का शेयर (IndiGo Share) 3.55 फीसदी मजबूत होकर 2,620 रुपये के पास बंद हुआ. इसके साथ ही कंपनी का बाजार पूंजीकरण भी बढ़कर 1,01,007.56 करोड़ रुपये हो गया. इस तरह से इंडिगो का बाजार पूंजीकरण (IndiGo MCap) और शेयर भाव दोनों अभी अपने लाइफ टाइम हाई लेवल पर है. ऐसा पहली बार हुआ है कि जब किसी भारतीय विमानन कंपनी का बाजार पूंजीकरण 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हुआ है.
गो फर्स्ट की बदहाली से फायदा
भारतीय बाजार को विमानन कंपनियों के लिए काफी मुश्किल माना जाता है. हाल ही में एक अन्य विमानन कंपनी गो फर्स्ट (Go First) की हालत खराब हुई और कंपनी ने दिवालिया होने का आवेदन फाइल किया. हालांकि इससे इंडिगो को काफी फायदा हुआ है. गो फर्स्ट के द्वारा इंसोल्वेंसी के लिए फाइल करने के बाद से इंडिगो के शेयरों में काफी तेजी देखी जा रही है. इस साल अब तक इसके शेयरों के भाव 28 फीसदी से ज्यादा चढ़े हैं.
हाल ही में दिया सबसे बड़ा ऑर्डर
इंडिगो ने इसी महीने की शुरुआत में 500 विमानों का ऑर्डर दिया है. यह ऑर्डर एयरबस निओ फैमिली के विमानों के लिए है, जिसकी कुल वैल्यू करीब 50 बिलियन डॉलर है. कंपनी को इन विमानों की डिलीवरी साल 2030 से 2050 के दौरान मिलेगी. यह विमानन इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा सौदा है. इससे कंपनी की भविष्य की तैयारियों का पता चलता है.
ब्रोकरेज फर्म ने इतना बढ़ाया टारगेट
संभवत: यही कारण है कि इंडिगो के शेयरों पर ब्रोकरेज फर्मों का भरोसा बना हुआ है. ब्रोकरेज फर्म यूबीएस की मानें तो इंडिगो के शेयरों में बहुत संभावनाएं हैं. यूबीएस ने पहले इसे 2,690 रुपये का टारगेट दिया था. अब उसने इंडिगो के टारगेट को बढ़ाकर 3,300 रुपये कर दिया है. ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि इंडिगो अभी काफी अच्छी स्थिति में है और अमेरिकी डॉलर या कच्चे तेल के भाव में बदलाव के असर को बिना किसी खास परेशानी के संभालने में सक्षम है.
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