अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के मोर्चे पर आज दो-दो अच्छी खबर सामने आई है. पहले खुदरा महंगाई (Retail Inflation) में और कमी का आंकड़ा सामने आया, फिर औद्योगिक उत्पादन (Industrial Production) बढ़ने के आंकड़े सामने आ गए. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल महीने के दौरान देश के औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर (IIP Growth Rate) में शानदार सुधार हुआ है.
मार्च की तुलना में बंपर सुधार
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Programme Implementation) के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल महीने में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 4.2 फीसदी रही है. इससे पहले मार्च महीने में आईआईपी की ग्रोथ रेट महज 1.6 फीसदी रही थी, जो पांच महीने का सबसे निचला स्तर था.
साल भर पहले से कम हुई वृद्धि
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने सोमवार को आईआईपी ग्रोथ के आंकड़ों को जारी किया. आंकड़ों के अनुसार, इस साल अप्रैल में भारत का औद्योगिक उत्पादन 4.2 फीसदी की दर से बढ़ा है, जो भले ही एक महीने पहले की तुलना में काफी बेहतर है, लेकिन साल भर पहले की तुलना में कम है. साल भर पहले यानी अप्रैल 2022 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 6.7 फीसदी की दर से बढ़ा था.
सेक्टर वाइज ऐसा रहा हाल
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2023 में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 4.9 फीसदी और खनन उत्पादन 5.1 फीसदी की दर से बढ़ा है. इस दौरान बिजली के उत्पादन में 1.1 फीसदी की गिरावट आई है.
2 साल में सबसे कम महंगाई
इससे पहले खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी किए गए. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मई महीने में खुदरा मुद्रास्फीति और कम होकर 4.25 फीसदी पर आ गई. यह खुदरा महंगाई का 2 साल का सबसे निचला स्तर है. इससे पहले अप्रैल महीने में यह कम होकर 4.7 फीसदी पर आ गई थी. खुदरा महंगाई के लगातार कम होने से आने वाले समय में कर्ज की ब्याज दरें कम होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं.
ये भी पढ़ें: दिखाई देने लग गए रियल एस्टेट के 'अच्छे दिन', हाउसिंग सेक्टर के लिए उज्ज्वल भविष्य के ये 5 इशारे!