नई दिल्लीः आर्थिक मोर्चे पर अच्छी खबर है. उद्योग की रफ्तार जहां अगस्त में तेज हुई, वहीं सितम्बर में खुदरा महंगाई दर अपने पुराने स्तर पर ही बनी रही. खास बात ये है कि खाने-पीने के सामानों की खुदरा महंगाई दर घट गयी है.
औद्योगिक उत्पादन में दिखी अच्छी तेजी
पहले बात औद्योगिक उत्पादन की. सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त के महीने में औद्योगिक विकास दर 4.3 फीसदी रही जबकि जुलाई के महीने में ये दर 0.94 फीसदी थी. बीते साल अगस्त की बात करें तो उस महीने में ये दर 4 फीसदी पर रिकॉर्ड की गयी थी. जानकारों की मानें तो त्यौहारों की वजह से सितम्बर और अक्टूबर में औद्योगिक विकास दर बेहतर रहने की उम्मीद है, क्योंकि उस दौरान बड़े पैमाने पर खरीदारी होती है.
खनन सेक्टर ने निभाई बड़ी भूमिका
उद्योग की रफ्तार बढ़ाने में खनन और बिजली ने बड़ी भूमिका निभायी. खनन की विकास दर जुलाई में जहां साढ़े चार फीसदी थी, वही अगस्त में बढ़कर 9.3 फीसदी हो गयी. खनन में तेजी का मतलब ये है कि विभिन्न उद्योगों में कच्चे माल की मांग बढ़ रही है. जब ज्यादा कच्चा माल मुहैया कराया जाएगा तो उससे उत्पादन की रफ्तार भी बढ़ेगी और इसका सबूत बिजली की मांग में देखी जा सकती है. कुछ यही वजह रही कि अगस्त के दौरान बिजली उत्पादन बढ़ने की दर साढ़े छह फीसदी से बढ़कर 8.3 फीसदी पर पहुंच गयी.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की विकास दर निगेटिव से पॉजिटिव में आई
खास बात ये है कि अगस्त के महीने में विनिर्माण यानी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की विकास दर 3.1 फीसदी दर्ज की गयी जबकि जुलाई के महीने में ये दर (-)0.25 फीसदी थी. हालांकि बीते साल के अगस्त से तुलना करे तो औद्योगिक विकास दर इस साल कम है. बीते साल अगस्त में ये दर 5.5 फीसदी थी. बहरहाल, अगस्त के महीने में मैन्युफैक्चरिंग का निगेटिव से पॉजिटिव होना सरकार के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि ये क्षेत्र जितना बढ़ेगा, उससे जहां एक औऱ कर से कमाई बढ़ेगी, वहीं रोजगार के मौके भी ज्यादा बनेंगे. आम तौर पर अनुमान लगाया जाता है कि सीधे तौर पर रोजगार का एक मौका बनता है तो अप्रत्यक्ष तौर पर चार लोगों को रोजगार मिलता है.
खुदरा महंगाई दर
उधर, महंगाई के मोर्चे पर सितम्बर के दौरान कुछ राहत मिली. खुदरा महंगाई दर अगस्त के 3.28 फीसदी के स्तर पर ही बनी रही जबकि खाने-पीने के सामान की खुदरा महंगाई दर 1.52 फीसदी से घटकर 1.25 फीसदी पर आ गयी. सितम्बर के दौरान दाल के दाम 22 फीसदी से ज्यादा घटे. लेकिन चिंता की बात ये है कि फल, सब्जियों के साथ-साथ चीनी और कनफेक्शनरी की खुदरा महंगाई दर अभी भी बढ़ रही है. फल के मामले में खुदरा महंगाई दर 5.14 फीसदी, सब्जियों के मामले में 3.92 फीसदी और चीनी व कनफेक्शनरी के मामले में खुदरा महंगाई दर 6.77 फीसदी रही.