नई दिल्लीः फैक्ट्री और इंडस्ट्रियल कर्मचारियों को सैलरी सिर्फ चेक या सीधे उनके खाते में भेजे जाने का फैसला लिया जा सकता है. नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार भरपूर कोशिश कर रही है देश में कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिये नए नए कदम लिए जाएं. इसी कड़ी में सरकार ये बड़ा ऐलान कर सकती है.


टाइम्स ऑफ इंडिया से मिली खबर के मुताबिक केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारियों को उनकी सैलरी चेक के जरिए या सीधा खाते में पहुंचाने के लिए तैयारी की जा रही है और इसके लिए कैबिनेट नोट भी जारी किया जा चुका है. माना जा रहा है कि आजकल देश में अधिकांश लोगों के पास बैंक खाता है तो इस योजना को पूरा करने में दिक्कत आने का अंदेशा नहीं है.


जिन कर्मचारियों का वेतन 18,000 रुपये से ज्यादा नहीं है वो इस नियम के अंतर्गत आ सकते हैं. इन कर्मचारियों को चेक या सीधा खाते में वेतन देने की योजना देश को कैशलेस इकॉनॉमी बनाने की दिशा में उठाया जा रहा कदम है. सरकार इन कर्मचारियों के लिए वेतन को सीधा खाते में या चेक से देने के नियम को अनिवार्य कर सकती है.


सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाले रेलवे कर्मचारियों, एयरपोर्ट के कर्मचारियों और खदानों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए पहले इस योजना को लागू किया जा सकता है. भत्तों के भुगतान एक्ट 1936 के सेक्शन 6 के तहत सरकार कुछ संशोधन कर सकती है और इसके जरिए औद्योगिक कर्मचारियों की सैलरी को चेक या बैंक खाते के जरिए देने का नियम लागू कराया जा सकता है.


सरकार को लगता है कि फाइनेंशियल इन्क्लूजन की योजना के तहत जन-धन योजना के तहत लोगों के लिए बैंक खाते खुलवाना आसान हो गया है. लिहाजा जिनके पास खाता नहीं है वो भी बिना परेशानी खाते खुलवा सकते हैं. सरकार की योजना है कि कैबिनेट द्वारा भत्तों के भुगतान एक्ट में संशोधन को मंजूरी मिलने के बाद इसे पटल पर मंजूरी के लिए रखा जाए जिससे कानून में संशोधन किया जा सके.