Budget 2023-24: प्री-बजट बैठक में उद्योग जगत ने सरकार से कहा- बजट में रोजगार बढ़ाने पर ध्यान देने की जरूरत
Pre Budget Meeting: उद्योग जगत ने बजट पूर्व पहली बैठक में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये निवेश आधारित वृद्धि रणनीति के साथ पूंजीगत व्यय और रोजगार बढ़ाने के उपायों पर जोर दिया है.
Budget 2023-24: बिजनेस चैंबर्स ने सोमवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) के साथ बजट प्री-बजट मीटिंग में हिस्सा लिया. उद्योगजगत ने सरकार से बजट में रोजगार बढ़ाने के उपायों पर जोर देने के लिए कहा है. साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोगों को टैक्स नेट में लाने और खपत बढ़ाने के लिये जीएसटी (GST) और व्यक्तिगत आयकर स्लैब (Personal Income Tax Slab) को तर्कसंगत बनाने का सुझाव दिया है. बजट को लेकर सुझावों पर वित्त मंत्री सीतारमण के साथ बैठक में उद्योग जगत ने और भी कई सुझाव दिए हैं.
CII अध्यक्ष ने क्या कहा
सीआईआई (Confederation of Indian Industry-CII) के अध्यक्ष संजीव बजाज का कहना है कि, ‘‘वैश्विक परिदृश्य कुछ समय तक प्रतिकूल बने रहने की आशंका है. इसीलिए हमें वृद्धि के नये क्षेत्रों को तैयार कर तथा घरेलू मांग को बढ़ावा देने के लिये रोजगार सृजन को गति देकर अपनी घरेलू अर्थव्यवस्था को व्यापक बनाना चाहिए. उद्योग जगत ने ‘ऑनलाइन’ बैठक में वैश्विक अनिश्चितता के बीच देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये निवेश आधारित वृद्धि रणनीति के साथ पूंजीगत व्यय पर भी जोर देने का सुझाव दिया है.
रोजगार गारंटी योजना पर विचार
सीआईआई अध्यक्ष संजीव बजाज ने देश में नौकरियों के नये अवसर बनाने के लिये रोजगार आधारित प्रोत्साहन योजना लाने का सुझाव दिया है. सरकार शहरी रोजगार गारंटी योजना लाने पर विचार कर सकती है. इस बजट में इसकी शुरुआत पायलट आधार पर महानगरों से हो सकती है. इसके साथ कंपनियों को कर के मामले में निश्चितता प्रदान करने के लिये कंपनी कर की दर मौजूदा स्तर पर बनी रहनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कर की दरों को युक्तिसंगत बनाने, कर भुगतान व्यवस्था सुगम बनाने तथा कर विवादों में कमी लाने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
PHDCCI ने लिया बैठक में भाग
उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (पीएचडीसीसीआई) ने इस ऑनलाइन बैठक में बजट को लेकर अपने सुझाव पेशा किये है. पीएचडीसीसीआई ने खपत बढ़ाने, कारखानों में क्षमता उपयोग में वृद्धि, रोजगार सृजन को बढ़ावा, सामाजिक बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता में सुधार करने और भारत की आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के उपायों के माध्यम से निजी निवेश में गति लाने को 5 सूत्री रणनीति का सुझाव दिया है.
साकेत डालमिया ने क्या कहा
वही दूसरी ओर उद्योग मंडल के अध्यक्ष साकेत डालमिया का कहना है कि, ‘‘वित्त वर्ष 2023-24 का केंद्रीय बजट ऐसे समय पेश किया जा रहा है, जब वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता है और ऊंची महंगाई दर के साथ दुनिया की वृद्धि दर सुस्त पड़ रही है. इस समय, देश को सतत रूप से वृद्धि के रास्ते पर बनाये रखने के लिये वृद्धि के घरेलू स्रोतों को बढ़ाने को लेकर सोच-विचारकर कदम उठाने की जरूरत है.
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