नई दिल्लीः उद्योग जगत ने गुरुवार को कहा कि उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का लाभ विशिष्ट इस्पात उत्पादों को देने के सरकार के निर्णय से देश में विनिर्माण के साथ-साथ अनुसंधान एवं विकास तथा प्रौद्योगिकी में निवेश को बढ़ावा मिलेगा. उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के खनिज और धातु समिति के चेयरमैन अनिल कुमार चौधरी ने कहा कि यह विशेष प्रकार के सूचीबद्ध इस्पात उत्पादों के विनिर्माण को बढ़ावा देगा और आत्मनिर्भर भारत का रास्ता साफ करेगा.


केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुववार को देश में विशेष प्रकार के इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने लिये 6,322 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी. इस पहल का मकसद घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना और क्षेत्र से निर्यात को गति देना है.


उद्योग मंडल सीआईआई ने कहा कि पीएलआई निश्चित रूप से देश में विशेष इस्पात के लिए घरेलू विनिर्माण कारखानों की स्थापना और अनुसंधान एवं विकास तथा प्रौद्योगिकी में निवेश को बढ़ावा देगा.


सीआईआई की इस्पात मामलों की राष्ट्रीय समिति के चेयरमैन और जेएसडब्ल्यू स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक तथा समूह सीएफओ शेषगिरी राव एमवीएस ने कहा, ''योजना के तहत यह शर्त है कि विशेष स्टील बनाने में इस्पात को देश के भीतर ही पिघलाया और ढाला जाए. इसका मतलब है कि विशेष इस्पात का विनिर्माण करने के लिए प्रयुक्त कच्चा माल भारत में ही बनाया जाएगा. यानी पूर्ण रूप से उत्पाद का विनिर्माण देश में सुनिश्चित हो सकेगा.''


टाटा स्टील के सीईओ और प्रबंध निदेशक टी वी नरेन्द्रन ने कहा, ''हम विशेष इस्पात के लिए पीएलआई योजना की घोषणा का स्वागत करते हैं. टाटा स्टील आयात विशेष रूप से वाहन क्षेत्र में, आयात में कमी लाने में आगे रहा है.... मूल्य वर्धित उत्पादों के मामले में पीएलआई योजना से हमें भविष्य में अतिरिक्त लाभ होगा.''


जिंदल स्टील एंड पावर लि. के प्रबंध ने कहा कि बैंकों का अब इस्पात उद्योग के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण होगा क्योंकि पीएलआई की घोषणा से यह स्पष्ट संदेश मिला है कि इस्पात क्षेत्र को सरकार का समर्थन प्राप्त है.


सेल (भारतीय इस्पात प्राधिकरण) की अध्यक्ष सोमा मंडल ने कहा कि विशेष इस्पात के लिए पीएलआई योजना शुरू करने के महत्वपूर्ण निर्णय का घरेलू इस्पात उद्योग और विशेष रूप से सेल पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.


उन्होंने कहा कि विशेष इस्पात के लिए पीएलआई योजना घरेलू इस्पात क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष को प्रोत्साहित करेगी.


आरआईएनएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक डी के मोहंती ने कहा, ''केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पीएलआई योजना को मंजूरी एक स्वागत योग्य कदम है. यह भारत को विशेष इस्पात के विनिर्माण के क्षेत्र में वास्तव में आत्मनिर्भर बनाने में मददगार होगा. यह न केवल अंतिम उपयोगकर्ताओं के लिए आयात में कमी लाकर गुणवत्तापूर्ण विशेष स्टील के उत्पादन को बढ़ावा देगा बल्कि उत्पादकों को तैयार उत्पादों के निर्यात का अवसर भी प्रदान करेगा.''


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