नई दिल्लीः आर्थिक मोर्चे पर अच्छी खबर आई है और लोगों के लिए राहत की बात है कि देश की रिटेल महंगाई यानी खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट देखी गई है. अप्रैल में रिटेल महंगाई दर घटकर 2.99 फीसदी रही जबकि मार्च में रिटेल महंगाई दर 3.81 फीसदी थी. पहले थोक महंगाई दर में गिरावट आई और अब रिटेल महंगाई दर यानि सीपीआई (कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स) में भी गिरावट दर्ज की गई है. मार्च, 2017 के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति में रिटेल महंगाई दर 3.89 फीसदी से संशोधित होकर 3.81 फीसदी हुई है.


खाने-पीने की चीजों के दाम घटे

  • अप्रैल में खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर घटकर 0.61 फीसदी रही जोकि मार्च में 2.01 फीसदी थी.

  • अप्रैल में खाने-पीने की चीजों की रिटेल महंगाई दर घटकर -8.59 फीसदी रही जबकि मार्च में ये -7.24 फीसदी रही थी.

  • अप्रैल में फलों की रिटेल महंगाई दर में भारी कमी आई और ये घटकर 3.78 फीसदी रही जबकि मार्च में ये 9.35 फीसदी रही थी.

  • महीने दर महीने आधार पर अप्रैल में अनाजों की रिटेल महंगाई दर घटकर 5.06 फीसदी रही जोकि मार्च 2017 में 5.38 फीसदी रही थी.

  • अप्रैल में दूध के बने उत्पादों की रिटेल महंगाई दर बढ़ी है और ये 4.74 फीसदी रही जोकि मार्च के महीने में 4.69 फीसदी रही थी.

  • अप्रैल में दालों की रिटेल महंगाई दर घटकर -15.94 फीसदी रही जबकि मार्च में ये -12.42 फीसदी रही थी.

  • अप्रैल में चीनी और मिठाईयों की रिटेल महंगाई दर में भी अच्छी गिरावट देखी गई है और ये घटकर 11.37 फीसदी रही है. वहीं इससे पिछले महीने मार्च में ये 17.05 फीसदी रही थी.


फ्यूल-बिजली की रिटेल महंगाई दर
अप्रैल में फ्यूल एवं बिजली की रिटेल महंगाई दर 6.13 फीसदी रही है जोकि मार्च में 5.56 फीसदी रही थी.
महीने दर महीने आधार पर अप्रैल में कपड़ों एवं जूतों की रिटेल महंगाई दर मामूली घटकर 4.58 फीसदी रही है जोकि मार्च में 4.60 फीसदी पर आई थी.


थोक महंगाई दर में भी आई है गिरावट
महंगाई के दूसरे मोर्चे थोक महंगाई दर यानि-होलसेल प्राइस इंडेक्स (डब्ल्यूपीआई) में भी गिरावट देखी गई है. अप्रैल में थोक महंगाई दर घटकर 3.85 फीसदी रही है जबकि मार्च में थोक महंगाई दर 5.29 फीसदी थी. अप्रैल में खाने-पीने की चीजों की थोक महंगाई दर 3.82 फीसदी से घटकर 1.16 फीसदी रही है. इस बार रिटेल महंगाई और थोक महंगाई दोनों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. आम ग्राहक के लिए ये अच्छी खबर है.


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार ने थोक महंगाई दर का आधार बदलकर 2011-12 कर दिया है, इससे पहले 2004-05 को आधार मानकर आंकड़े जारी किए जाते थे. साथ ही नई डब्ल्यूपीआई सीरीज में पहले के 676 आइटम के मुकाबले अब 697 आइटम जोड़े गए हैं.


आने वाले समय में होगा ये बदलाव
आने वाले आंकड़ों के लिए डब्ल्यूपीआई से इनडायरेक्ट के असर को हटाने का फैसला लिया गया है. मोटे तौर पर इसका असर जानें तो एक बिजनेस चैनल के मुताबिक जीएसटी लागू होने के बाद महंगाई पर क्या असर पड़ा, इसका अनुमान लगाना मुश्किल हो जाएगा. हालांकि सरकार ने पहले ही दावा किया है और राजस्व सचिव हसमुख अढ़िया ने एबीपी के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में दावा किया था कि जीएसटी आने के बाद महंगाई में ज्यादा इजाफा होने का डर निराधार है.


औद्योगिक उत्पादन, थोक महंगाई दर के आंकलन का तरीका बदला