RBI Bulletin Update: आम लोगों को इस तिमाही में महंगाई से राहत मिलने की संभावना नजर नहीं आ रही है. जुलाई से सितंबर के बीच की मौजूदा तिमाही के दौरान महंगाई दर औसतन 6 फीसदी के ऊपर बनी रह सकती है. आरबीआई ने अपने मंथली बुलेटिन में ये बातें कही है.   


आरबीआई ने जो बुलेटिन जारी किया है उसके मुताबिक सप्लाई में जो दिक्कतें पैदा हुई हैं वो फिलहाल खत्म होने वाली नहीं है. सब्जियों की कीमतों में उछाल अगस्त के पहले 15 दिनों के दौरान भी देखी जा रही है. ऐसे में महंगाई दर मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 6 फीसदी के ऊपर बनी रह सकती है. आरबीआई बुलेटिन में रेग्यूलर स्टेट ऑफ इकोनॉमी लेख में ये लिखा गया है जिसके सह-लेखकों में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा भी शामिल हैं. हालांकि आरबीआई बुलेटिन में लेखक जो विचार लिखता है उसे आरबीआई का रूख नहीं माना जाता है.   


10 अगस्त, 2023 को आरबीआई ने अपने एमपीसी बैठक में मौजूदा वित्त वर्ष के लिए महंगाई दर के अनुमान को 5.1 फीसदी से बढ़ाकर 5.4 फीसदी कर दिया. लेकिन 14 अगस्त को सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक खुदरा महंगाई दर 7.44 फीसदी पर जा पहुंची है. तो खाद्य महंगाई दर 11.51 फीसदी रही है. खाद्य महंगाई में तेजी की वजह टमाटर समेत साग-सब्जियों की कीमतों में लगी आग है. तो इस दौरान गेहूं चावल और दाल की कीमतों में भी तेजी देखी गई है.  


आरबीआई बुलेटिन में इस वर्ष की दूसरी छमाही में अल नीनो के खतरे से भी आगाह किया गया है. जिससे रबी सीजन में महंगाई की आशंका जाहिर की गई है. वहीं कच्चे तेल की सप्लाई में कमी से कीमतों में बढ़ोतरी के खतरे को लेकर भी बुलेटिन में आगाह किया गया है.  दरअसल सऊदी अरब ने कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती का ऐलान किया है. जिसके चलते हाल के दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल देखने को मिला है.  


ये भी पढ़ें 


Wheat Import: चुनावी वर्ष में गेहूं की कीमतों में उछाल ने उड़ाई सरकार की नींद, रूस से आयात करने पर हो रहा विचार