Inflation Rate: क्या आगे और बढ़ेगी महंगाई या कम होंगे खाने के सामान के रेट्स? जानें क्या बोले RBI Governor...
Inflation Rate in India: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगले वित्त वर्ष में 4.5 फीसदी पर आ जाने की संभावना है.
Inflation Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बृहस्पतिवार को कहा कि फसल उत्पादन बेहतर रहने, आपूर्ति की स्थिति में सुधार को लेकर किये गये उपायों और मानूसन अच्छा रहने की संभावना के साथ उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगले वित्त वर्ष में 4.5 फीसदी पर आ जाने की संभावना है. मुद्रास्फीति का यह अनुमान आरबीआई के संतोषजजनक स्तर के काफी करीब है. हालांकि ग्लोबल स्तर पर कच्चे तेल के दाम में तेजी से इसके ऊपर जाने जोखिम बना हुआ है.
मुद्रास्फीति संतोषजनक दायरे के ऊपर
रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिये मुद्रास्फीति अनुमान को 5.3 फीसदी पर बरकरार रखा है. चालू वित्त वर्ष की अंतिम मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति संतोषजनक दायरे के उच्च स्तर पर बनी हुई है. हालांकि, पिछले साल नवंबर में पेट्रोल और डीजल पर कर कटौती से कुछ हद तक कच्चे माल की लागत को लेकर दबाव नरम पड़ने की उम्मीद है.
महंगा हुआ खाने का सामान
केंद्रीय बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पर विचार करते समय मुख्य रूप से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर पर गौर करता है. खाने का सामान महंगा होने से खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में पांच महीने के उच्च स्तर 5.59 फीसदी पर पहुंच गई जो नवंबर में 4.91 फीसदी थी.
रेपो रेट 4 फीसदी पर बरकरार
मौद्रिक नीति समिति (MPC) को सालाना स्तर पर मुद्रास्फीति दो फीसदी घट-बढ़ के साथ चार फीसदी पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है. आरबीआई ने मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर को चार फीसदी पर बरकरार रखा है.
जानें क्या बोले आरबीआई गवर्नर?
आरबीआई गवर्नर दास ने कहा, ‘‘मांग में नरमी से कच्चे माल की लागत का दबाव बिक्री मूल्य पर डालने की स्थिति सुस्त बनी हुई है. हालांकि, कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रोन को लेकर जोखिम कम हुआ है और आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव घटा है. ऐसे में मुख्य मुद्रास्फीति (कोर इनफ्लेशन) कुछ नरम हो सकती है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2021-22 के लिये मुद्रास्फीति का अनुमान 5.3 फीसदी पर बरकरार रखा गया है. तुलनात्मक आधार अनुकूल नहीं होने से चालू वित्त वर्ष की मौजूदा चौथी तिमाही में यह 5.7 फीसदी रह सकती है.’’
CPI 4.5 फीसदी
दास ने कहा कि प्रतिकूल तुलनात्मक आधार की वजह से खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी 2022 में संतोषजनक स्तर के ऊपरी सीमा के करीब जा सकती है. उन्होंने कहा, ‘‘इस सब बातों के साथ मानसून सामान्य रहने को ध्यान में रखते हुए सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति 2022-23 में 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है.’’ आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हालांकि कच्चे तेल के दाम में तेजी मुद्रास्फीति के बढ़ने को लेकर प्रमुख जोखिम है.
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