नई दिल्ली: महंगाई के मोर्चे पर आम लोगों को एक बार फिर झटका लगा है. बीते नवंबर में महंगाई दर बढ़कर 5.54 फ़ीसदी रही. यह लगातार चौथा ऐसा महीना रहा है जब महंगाई दर बढ़ी है. ऐसे में आने वाले दिनों में ब्याज दरों में कटौती का रास्ता बंद होता हुआ नजर आ रहा है. नवंबर 2019 में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.540 हो गई. खुदरा महंगाई का आंकड़ा अक्टूबर 2019 में 4.62 फीसदी का रहा था जबकि सितंबर में यह आंकडा 3.99 फीसदी का था.


खाने पीने की चीजें हुई बेहद महंगी


नवंबर 2019 में खुदरा महंगाई की दर 5.54 फ़ीसदी हो गई है, लेकिन इस महंगाई दर में अगर गौर करें तो यहां पर खाद्य पदार्थों की जो महंगाई दर है वह नवंबर 2019 में इस आंकड़े से तकरीबन दोगुनी के आसपास रही है. नवंबर 2019 में खाद्य महंगाई दर बढ़कर 10.01 फीसदी रही है जबकि पिछले महीने, अक्टूबर 2019 में खाद्य महंगाई दर 7.89 फीसदी थी. इसको आसान शब्दों में ऐसे समझा जा सकता है कि अक्टूबर 2019 के मुकाबले नवंबर 2019 में खाने-पीने की चीजें और ज्यादा महंगी हो गई हैं. इस कारण बाजार में न सिर्फ प्याज महंगी है बल्कि खाने पीने की अन्य जरूरी चीजें भी अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में महंगी हो गई हैं.


ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम


अक्टूबर में महंगाई दर बढ़ने की वजह से ही रिजर्व बैंक ने हाल ही में अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में कटौती नहीं की थी. रेपो रेट कम न होने की वजह से ही ब्याज दरों में कटौती नहीं हो सकी थी. रिजर्व बैंक ने रेपो रेट न घटाने के पीछे वजह महंगाई को ही बताया था. आरबीआई का अनुमान था कि महंगाई आने वाले महीनों के दौरान बढ़ेगी और महंगाई बढ़ने की वजह से ब्याज दरों में कटौती मुमकिन नहीं होगी.


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आरबीआई ने अनुमान लगाया था कि मौजूदा वित्त वर्ष (2019-20) की दूसरी छमाही के दौरान महंगाई दर बढ़कर 4.7-5.1 फीसदी की रेंज में रहेगी. गौरतलब है कि अक्टूबर में महंगाई दर 16 महीनों के उच्चतम स्तर 4.62 फीसदी पर पहुंच गई थी. वहीं, नवंबर ऐसा महीना रहा है जब लगातार चौथे महीने महंगाई बढ़ी है. ऐसे में आरबीआई का जो महंगाई बढ़ने का अनुमान था वह सही होता हुआ दिख रहा है.


इस वजह से अंदाजा लगाया जा सकता है कि फरवरी में होने वाली रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा में भी रेपो रेट में कटौती की गुंजाइश बेहद कम रह सकती है. इससे साफ है कि आने वाले कुछ महीनों के दौरान अब बैंकों की ब्याज दरों में कटौती मुश्किल है.