नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रह्मण्यम ने गुरुवार को कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति (महंगाई दर) जुलाई में ही छह प्रतिशत के नीचे आ जाएगी पर कुछ महीने तक पांच प्रतिशत से ऊपर बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि इस तरह के से मूल्य वृद्धि का स्तर फिर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को दिए गए लक्ष्य के ऊपरी छोर के अंदर आ जाएगा.
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने और क्या बताया?
मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रह्मण्यम ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पिछले वित्त वर्ष में लगातार तीन तिमाहियों निर्धारित सीमा से ऊपर चली गयी थी. उनके अनुसार ऐसा सामानों की ढुलाई में कठिनाई जैसी आपूर्ति पक्ष की समस्याओं के कारण हुआ था.
बढ़ोतरी सीमित दायरे में
के वी सुब्रह्मण्यम ने उद्योग संगठन फिक्की द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में कहा, "तार्किक संभावनाओं के साथ, मुझे उम्मीद है कि इस महीने का (मुद्रास्फीति) प्रिंट 6 प्रतिशत से नीचे आ जाएगा." सुब्रह्मण्यम ने कहा कि मई के आंकड़े में मुद्रा स्फीति के 6.4 प्रतिशत दिखने के बाद उन्होंने आंतरिक बैठकों में और "नियामक (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) के साथ विचार-विमर्श" के दौरान कहा था कि यह अग शांत होगी. उन्होंने कहा कि जिंस (कच्चा तेल आदि) की कीमतों में बढ़ोतरी जैसे कारकों से पैदा हुई चुनौतियों के बावजूद इसमें मास-दर-मास बढ़ोतरी सीमित दायरे में ही रही है.
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