नई दिल्लीः मौजूदा विवाद पर इन्फोसिस के बोर्ड ने आज आधिकारिक तौर पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. मुंबई में पत्रकारो से बात करते हुए इंफोसिस प्रबंधन ने कंपनी के संस्थापक नारायणमूर्ति के आरोप खारिज करते हुए कहा कि इंफोसिस के संस्थापकों का सम्मान है. लेकिन कंपनी नियम कानून के मुताबिक ही चल रही है. इंफसिस बोर्ड की ओर से रूपा कुडवा, आर. शेससाए, डॉ. विशाल सिक्का, प्रवीण राव मौजूद रहे जबकि कॉन्फ्रेंस कॉल पर 2 बोर्ड के अधिकारी मौजूद रहे.


आर. शेससाए ने बताया कि इन्फोसिस मे कोई जंग नहीं चल रही है बल्कि लोगों के नज़रिए मे फर्क है. हमें सलाह दी जाती है जिसे हम ध्यान से सुनते हैं. इस कंपनी के गवर्नेंस के कानून कड़े है, मजबूत हैं, हमें गर्व है कि हम इसका हिस्सा हैं. डॉ. पुनिता सिन्हा को नियुक्त करना सही फ़ैसला है. वह पढी लिखी हैं, इनकी नियुक्ति पर इसलिए सवाल नहीं उठाने चाहिए क्योंकि उनके परिजन किसी अलग क्षेत्र मे है. प्रह्लाद को बतौर इन्डीपेन्डेंट डायरेक्टर के रुप में लाना अच्छा कदम है और ये गवर्नेंस का विषय नहीं है.


त्वरित धन के बारे में कंपनी को पहली शिकायत विह्सलब्लोअर के तहत मिली. इस शिकायत को जवाब देकर सबूत मंगवाए लेकिन जवाब नहीं मिला. फिर भी कंपनी ने निष्पक्ष जांच की और अक्टूबर मे अंतर्राष्ट्रीय लॉ-फर्म के माध्यम से जांच कराई और पाया की यह शिकायत सही नहीं है क्योंकि कंपनी में कुछ भी गलत नहीं हुआ है.


गवर्नेंस के मामले मे कुछ भी गलत नहीं हुआ है और हमने नई भर्ती के लिए निजी लॉ कंपनी को लिया ताकी सही चयन हो सके. हम प्रमोटर्स के सुझावों को तरजीह देते हैं. हम कांच की इमारत मे रहते हैं इसलिए सबकुछ दिखता है. लेकिन हमें ज़्यादा न ताकें क्योंकि हमें काम भी करना है.


विशाल सिक्का की सैलरी पर दिया स्पष्टीकरण
विशाल सिक्का की सैलरी पर कहा गया कि ये पूर्ण रुप से ठीक है. इनका कॉम्पनसेशन उनके काम के प्रदर्शन के साथ लिंक्ड है. हमने बैलेट के माध्यम से इसकी इजाज़त ली है जिसमें 97 फीसदी लोगों ने इसकी समर्थन किया है. राजीव बंसल और कंपनी के संस्थापकों ने जो ऑब्जर्वेशन किया है इसका हम सम्मान करते हैं. विशाल सिक्का ने 3 महीने मे 60 हजार किलोमीटर हर महीना ट्रैवेल किया जिसमे से 8 फीसदी वो निजी जेट से गए. इसमें कुछ गलत नहीं है लेकिन अब ट्रैवल का पैसा अकाउंट जांचेगी.


डॉ विशाल सिक्का का बयान
हमने पिछले समय मे अच्छा काम किया है. राजीव के साथ टीम मे अलाईमेन्ट की दिक़्क़त थी इसलिए टीम मे बदलाव किया गया है.


आर. शेससाए ने ये भी बताया कि डायरेक्टर की नियुक्ति के बारे में सुझाव लिए जा रहे हैं. कंपनी तमाम सुझाव के लिए खुला नजरिया रख रही है और एन नारायणमूर्ति के साथ बातचीत जारी है. किसी तरह का कोई गंभीर मतभेद नहीं है.