GST Demand Notice: आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी इंफोसिस (Infosys) हाल ही में एक बड़े संकट में फंस गई थी. उसे 4 बिलियन डॉलर (लगभग 33,500 करोड़ रुपये) का जीएसटी नोटिस मिला था. इसे लेकर आईटी इंडस्ट्री में काफी हलचल मची थी. साथ ही इस तरह की टैक्स डिमांड की जमकर आलोचना भी की गई थी. इसके चलते अब केंद्र सरकार इस भारी-भरकम जीएसटी नोटिस को वापस लेने के बारे में विचार कर रही है. यदि यह फैसला होता है तो इंफोसिस को बड़ी राहत मिलेगी. 


टैक्स डिमांड को वापस ले सकती है सरकार


रायटर्स की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि साल 2017 के लिए की गई इस टैक्स डिमांड को अब सरकार वापस लेने जा रही है. इंफोसिस को यह नोटिस पिछले महीने भेजा गया था. रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) का मानना है कि इंफोसिस को नोटिस नियमों के अनुरूप ही भेजा गया था. मगर, यह सर्विसेज के एक्सपोर्ट पर टैक्स न लगाने के सिद्धांतों के खिलाफ है. हालांकि, वित्त मंत्रालय और इंफोसिस ने फिलहाल इस मामले पर कुछ भी बताने से इंकार कर दिया है. 


जीएसटी काउंसिल की बैठक में हो सकता है ऐलान


सूत्रों ने दावा किया है कि इसके अलावा भारत में काम कर रही एतिहाद (Etihad) और ब्रिटिश एयरवेज (British Airways) जैसी 10 विदेशी एयरलाइन्स को भेजे गए लगभग 1 अरब डॉलर के जीएसटी नोटिस भी सरकार वापस लेने का ऐलान कर सकती है. ऐसा माना जा रहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता और राज्य के वित्त मंत्रियों वाली जीएसटी काउंसिल (GST Council) की 9 सितंबर को होने वाली बैठक के बाद इस बारे में ऐलान किया जा सकता है.


मोहनदास पई ने इस नोटिस को कहा था टैक्स टेररिज्म


इंफोसिस के पूर्व बोर्ड मेंबर और सीएफओ मोहनदास पई (Mohandas Pai) ने इस नोटिस को टैक्स टेररिज्म (Tax Terrorism) बता दिया था. पिछले हफ्ते कंपनी के वाईस प्रेसिडेंट सुनील कुमार धरेश्वर ने अधिकारियों से इस नोटिस को लेकर मुलाकात भी की थी. इसके अलावा आईटी इंडस्ट्री की संस्था NASSC ने भी सरकार से इस मामले में दखल देने की अपील की थी. साथ ही इसे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के खिलाफ भी बताया था.


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