नई दिल्लीः आईटी दिग्गज इंफोसिस कंपनी में फिर एक बार विवाद सामने आया है. कंपनी के फाउंडर नारायणमूर्ति ने चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) प्रवीण राव की सैलरी बढ़ोतरी पर अपनी आपत्ति जताई और कहा कि इंफोसिस में खराब गवर्नेंस दिख रहा है. पिछली फरवरी में ही सीओओ यू बी राव की सैलरी बढ़ाई गई है. जबकि सीओओ की सैलरी 35 फीसदी बढ़ाकर 12.5 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव 31 मार्च को वोटिंग के लिए आया जिस पर नारायणमूर्ति समेत ज्यादातर प्रोमोटर्स ने वोटिंग नहीं की.

इस प्रस्ताव के खिलाफ 24 फीसदी पब्लिक इंस्टीट्यूशंस और 67 फीसदी नॉन-इंस्टीट्यूशन इस प्रस्ताव के खिलाफ हैं. हालांकि 67 फीसदी निवेशकों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया है. नारायणमूर्ति ने कहा कि कंपनी के नियमों के खिलाफ सैलरी में बढ़ोतरी हो रही है. कर्मचारियों की सैलरी के बड़े अंतर को खत्म करना चाहिए पर राव की सैलरी में बढ़ोतरी से ये अंतर और बढ़ा है.

मूर्ति ने जो पत्र लिखा है उसमें साफ तौर पर कहा है कि जब कंपनी के ज्यादातर कर्मचारियों को महज 6 से 8 फीसदी तक की वृद्धि मिली हो, तब टॉप मैनेजमेंट के कॉम्पेंसेशन में 60-70 फीसदी बढ़त (वेरिअबल पे शामिल तो भी) मेरी नजर में उचित नहीं है. यह कंपनी को बेहतर बनाने के लिए कठिन परिश्रम में जुटे प्रॉजेक्ट मैनेजर्स, डिलिवरी मैनेजर्स, ऐनालिस्ट्स, प्रोग्रामर्स, फील्ड में काम कर रहे सेल्स वाले लोग, एंट्री लेवल इंजिनियर्स, क्लर्क्स और ऑफिस बॉयज समेत इन्फोसिस के बहुसंख्यक कर्मचारियों के प्रति बहुत अन्याय है.

शेयर कीमत पर पड़ा बुरा असरः
आज ये खबर आने के बाद बीएसई पर इंफोसिस लिमिटेड 1.11 फीसदी की कमजोरी के साथ 1009.45 के स्तर पर गिरकर बंद हुआ है.

दरअसल मामले की शुरुआत तो पहले ही हो गई थी जब इंफोसिस के फाउंडर मेंबर एन न्यायमूर्ति ने कंपनी के मौजूदा प्रबंधन को लेकर 3 बड़े विवाद के मुद्दों पर बात की थी. कुछ पूर्व कर्मचारियों को कंपनी छोड़ने पर एकमुश्त मोटा पेमेंट, इंडीपेंडेट डायरेक्टर्स की नियुक्ति और सीईओ के वेतन-भत्ते को लेकर नारायणमूर्ति ने इंफोसिस में गवर्नेस स्टैंडर्ड में गिरावट को चिंता का विषय बताया.

इन्फोसिस के प्रवीण राव की सैलरी में हुई हालिया वृद्धि की खबरें आने के बाद कंपनी के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने बाकी एंप्लॉयीज की वेतन वृद्धि के मुकाबले इसे अनुचित बताया. इंफोसिस के सह संस्थापक नारायण मूर्ति ने सीओओ की सैलरी बढ़ोतरी पर सवाल उठाए हैं. नारायण मूर्ति ने कहा है कि फरवरी में बोर्ड की मंजूरी से चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) यू बी प्रवीण राव को दिया गया कॉम्पेंसेशन हाइक उचित नहीं था. उन्होंने यह भी कहा कि इससे मैनेजमेंट और बोर्ड से कर्मचारियों का भरोसा कम होगा.
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