Infosys Update: देश की दूसरी बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) की मुश्किलें बढ़ गई है. कंपनी को 32,000 करोड़ रुपये के जीएसटी चोरी (GST Evasion) के लिए नोटिस मिला है. डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ इंटेलीजेंस ( Directorate General of GST Intelligence) ने कंपनी को नोटिस जारी किया है. 


ईटी के रिपोर्ट के मुताबिक 30 जुलाई 2024 को इंफोसिस को जीएसटी डिमांड (GST Demand) के लिए ये नोटिस जारी किया गया है. जीएसटी डिमांड का ये नोटिस जुलाई 2017 से लेकर वित्त वर्ष 2021-22 तक के लिए है. डॉक्यूमेंट के मुताबिक इंफोसिस सर्विसेज के रेसिपिएंट के तौर पर सर्विसेज के इंपोर्ट पर आईजीएसटी (IGST) का भुगतान नहीं करने के चलते जांच के दायरे में है. डीजीजीआई के मुताबिक कंपनी क्लाइंट्स के साथ समझौते के तहत उन्हें सर्विसेज देने के लिए ओवरसीज ब्रांच खोलती है. ये ब्रांच और कंपनी को आईजीएसटी एक्ट के तहत विशिष्ट व्यक्ति (Distinct Persons) के तौर पर ट्रीट किया जाता है. 


डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि, ऐसे में ओवरसीज ब्रांच ऑफिसेज से प्राप्त सप्लाई के एवज में कंपनी ने ब्रांच ऑफिसेज को ओवरसीज ब्रांच खर्च के तौर पर भुगतान किया है. इसलिए इंफोसिस लिमिटेड पर रिवर्स चार्च मैकेनिज्म (Reverse Charge Mechanism) के तहत भारत से बाहर स्थित ब्रांच से सप्लाई हासिल करने के चलते जीएसटी बनता है. गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (Goods And Services Tax) में रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (RCM) ऐसा सिस्टम है जिसमें सप्लायर की जगह गुड्स एंड सर्विसेज का प्राप्तकर्ता को टैक्स का भुगतान करना होता है. डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि इंफोसिस के खिलाफ जांच अभी जारी है. 


इकोनॉमिक टाइम्स के सोर्स के हवाले से बताया है कि इंफोसिस को डीजीजीआई से जांच के लिए नोटिस मिला है. लेकिन कंपनी का मानना है कि उसने राज्य और केंद्र के जीएसटी कानूनों (GST Laws) का पूरी तरह अनुपालन किया है. हालांकि इंफोसिस ने इस मामले पर कोई भी कमेंट नहीं किया है. 


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