काग्निजेंट और विप्रो के बाद इन्फोसिस भी बड़ी छंटनी की तैयारी
नई दिल्लीः विप्रो और काग्निजेंट जैसी अन्य कंपनियां लागत घटाने के लिए छंटनी जैसे कदम उठा रही हैं और अब खबरें आ रही हैं कि देश की प्रमुख आईटी कंपनी इन्फोसिस भी अपने मिड और सीनियर लेवल स्तर के सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है. सूत्रों के मुताबिक मिली जानकारी के मुताबिक कंपनी करीब 800-900 कर्मचारियों को निकालने की योजना बना रही है.
इससे पहले विप्रो और कॉग्निजेंट भी कर चुकी हैं छंटनी पिछले हफ्ते अमेरिका बेस्ड कॉग्निजेंट में डायरेक्टर, एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट और सीनियर वाइस प्रेसिडेंट को 6-9 महीने का वेतन देकर निकाला गया था, वहीं देश की तीसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी ने भी अपने सालाना पर्फॉर्मेंस इवेल्यूएशन या पर्फॉर्मेंस अप्रेजेल के आधार पर सैंकड़ों (करीब 600) कर्मचारियों को निकाल दिया है. वहीं कुछ सूत्रों के मुताबिक कंपनी से कुल 2000 लोगों को निकालने की तैयारी की जा चुकी है.
चुनौतीपूर्ण माहौल के बीच छमाही कामकाजी समीक्षा कर रही है. इसके इन्फोसिस यह काम ऐसे समय में कर रही है जबकि कंपनी ने अगले दो साल में 10,000 अमेरिकी कर्मचारियों को नियुक्त करने का ऐलान किया है और कंपनी वहां 4 सेंटर भी खेल रही है. हालांकि यहां देश में इन्फोसिस लोगों को निकालने की तैयारी कर रही है जो कंपनी के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर नहीं है.
इन्फोसिस के एक प्रवक्ता ने ईमेल से भेजे बयान में कहा है, ‘हमारी प्रदर्शन प्रबधंन प्रक्रिया के तहत कामकाज का अर्धवाषिर्क आकलन किया जाता है. कामकाज के मोर्चे पर लगातार निम्न प्रदर्शन से प्रदर्शन के स्तर पर कुछ कार्रवाई की जा सकती है जिसमें छंटनी शामिल है.’ प्रवक्ता ने हालांकि यह नहीं बताया कि इस प्रक्रिया का असर कितने लोगों पर होगा हालांकि रिपोर्टों के मुताबिक कंपनी के सैकड़ों कर्मचारी प्रभावित हो सकते हैं.
क्यों हो रही है आईटी कंपनियों में छंटनी जबसे अमेरिका में ट्रंप सरकार आई है तब से ही भारतीय आईटी सेक्टर के लिए संकट के बादल छाए हुए हैं. ट्रंप ने चुनावों से पहले ही कहा था कि अमेरिका के लोगों को ज्यादा नौकरी के अवसर देने के लिए वो आउटसोर्सिंग पर लगाम लगाने की तैयारी कर रहे हैं. इसका सीधा असर आईटी सेक्टर के ऊपर आना लाजिमी था क्योंकि यूएस में भारतीय कंपनियां काफी ज्यादा आउटसोर्सिंग के जरिए काम कर रही हैं.