Infosys Layoffs: भारत की आईटी दिग्गज कंपनी इंफोसिस ने 600 नए कर्मचारियों को नौकरी की जानकारी दी है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने बताया है कि फ्रेशर्स को इंटरनल एग्जाम में फेल होने के कारण निकाला गया है. इंफोसिस से पहले विप्रो ने इसी कारण से कुछ फ्रेशर्स को निकला था. 


ग्लोबल स्तर पर मंदी की आशंका और कोविड महामारी के कारण आईटी सेक्टर से बड़ी संख्या में छंटनी चल रही है. गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, मेटा, अमेजन और भारत में विप्रो, इंफोसिस और अन्य आईटी सेक्टर की कंपनियों ने कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का ऐलान किया है. एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के 14 स्टार्टअप कंपनियों ने जनवरी में 2,100 से ज्यादा लोगों को नौकरी से निकाला है. 


कम हो गई कर्मचारियों की संख्या 


बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार एक फ्रेशर्स ने बताया, "मैंने अगस्त 2022 में इंफोसिस में काम करना शुरू किया और मुझे SAP ABAP स्ट्रीम के लिए ​ट्रेनिंग दिया गया. मेरी टीम के 150 में से सिर्फ 60 ने ही एग्जाम क्लियर किया. बाकी हम 85 को नौकरी से निकाल दिया गया." 


कंपनी ने क्या कहा 


दूसरी ओर कंपनी ने सभी दावों को खारिज कर दिया है और कंपनी के एक प्रतिनिधि का कहन है कि इंटरनल ट्रेनिंग के दौरान लोगों के नौकरी में कटौती होती है. बता दें कि आईटी सेक्टर की भारत की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी इंफोसिस ने 2023 की तीसरी तिमाही में शुद्ध लाभ में 13.4 प्रतिशत की सालाना बढ़ोतरी दर्ज हुई है. यह बढ़ोतरी 5,809 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,586 करोड़ रुपये हो गई है. 


गौर करने वाली बात है ​कि अभी हाल ही में डेल के 6,650 कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने की बात सामने आई थी. अमेजन ने 18,000 कर्मचारियों को निकालने की घोषणा की है, जबकि गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट ने 10 हजार कर्मचारियों को निकालने का ऐलान कर चुका है. 


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