INFOSYS चौथी तिमाही नतीजेः मुनाफा मामूली बढ़ा, डिविडेंड, शेयर बायबैक से देगी 13,000 करोड़ रुपये
नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2017 की चौथी तिमाही में देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस का शुद्ध मुनाफा सिर्फ 0.2 फीसदी बढ़कर 3603 करोड़ रुपये रहा है. इससे पिछले यानी वित्त वर्ष 2016 की चौथी तिमाही में इंफोसिस का मुनाफा 3597 करोड़ रुपये रहा था. वित्त वर्ष 2017 की जनवरी-मार्च तिमाही में इंफोसिस की आय 3.4 फीसदी बढ़कर 17,120 करोड़ रुपये रही है जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 16,550 करोड़ रुपये थी.
वहीं तिमाही दर तिमाही आधार पर देखें तो वित्त वर्ष 2017 की तीसरी तिमाही की तुलना में चौथी तिमाही में इंफोसिस का शुद्ध लाभ 2.8 फीसदी और आय 0.9 फीसदी गिरी है. देखें-
- वित्त वर्ष 2017 की चौथी तिमाही में इंफोसिस का मुनाफा 2.83 फीसदी घटकर 3603 करोड़ रुपये रहा है. वित्त वर्ष 2017 की तीसरी तिमाही में इंफोसिस का मुनाफा 3708 करोड़ रुपये रहा था.
- वित्त वर्ष 2017 की चौथी तिमाही में इंफोसिस की आय 0.9 फीसदी घटकर 17,120 करोड़ रुपये रही है. वित्त वर्ष 2017 की तीसरी तिमाही में इंफोसिस की आय 17,273 करोड़ रुपये रही थी.
डॉलर में कंपनी का मुनाफा और आय डॉलर के हिसाब से मार्च तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 1.8 फीसदी बढ कर 54.3 करोड़ डॉलर और आय 5 फीसदी बढ कर 2.5 अरब डॉलर रही. पूरे वित्त वर्ष का कंपनी का शुद्ध लाभ 4.3 फीसदी बढ़ कर 2.1 अरब डॉलर और आय 7.4 फीसदी बढ़ कर 10.2 अरब डॉलर रही.
इंफोसिस का गाइडेंस रहा उम्मीद से कम! इंफोसिस ने वित्त वर्ष 2018 के लिए उम्मीद से कम गाइडेंस दिया है. कंपनी ने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 में उसे अपनी डॉलर आय में 6.1-8.1 फीसदी बढ़त की उम्मीद है. वहीं स्थिर विनिमय दर के आधार पर यानी स्थिर करेंसी में 6.5-8.5 फीसदी बढ़त करने की उम्मीद है.
कंपनी ने किया भारी डिविडेंड का ऐलान बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में कंपनी ने बताया कि वह डिविडेंड या शेयर बायबैक के रास्ते से अपने शेयर होल्डर्स के बीच 13,000 करोड़ रुपये तक का पेमेंट भी करेगी. कंपनी ने 14.75 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड का भी एलान किया है. कंपनी ने तय किया है कि वह अपने सालाना फ्री कैश फ्लो (मुक्त धन प्रवाह) का 70 फीसदी डिविडेंड के रूप में जारी करेगी जबकि इससे पहले वह अपने शुद्ध लाभ के बाद 50 फीसदी ही डिविडेंड देने की नीति पर कार्य करती थी. इन्फोसिस के पास 6 अरब डॉलर (करीब 39000 करोड़ रुपये का फ्री सरप्लस है). फ्री सरप्लस (मुक्त अधिशेष) के मामले में आईटी कंपनियों में सिर्फ काग्निजेंट और टाटा कंसल्टेंसी के पास ही इन्फोसिस से ज्यादा कैश है. इन कंपनियों ने शेयर वापस खरीदने के कार्यक्रम पहले ही घोषित किए हुए हैं लिहाजा इन्फोसिस पर भी निवेशकों की ओर से अनयूज्ड कैश को शेयरधारकों को वापस करने का दबाव था. काग्निजेंट ने 3.4 अरब डॉलर और टीसीएस ने 16,000 करोड़ रुपये की शेयर पुनखर्रीद की योजना बनायी है.
इंफोसिस के सीईओ विशाल सिक्का ने नतीजों पर कहा- विशाल सिक्का ने कहा कि अप्रत्याशित चुनौतियों से निपटने और आम तौर पर नरम रहने वाली तिमाही में ग्लोबल वीजा दिक्कतों और कंपनी की इंटरनल दिक्कतों से पैदा बाधाओं से कंपनी की पूरी परफॉर्मेंस पर फर्क पड़ा.
- हालांकि उन्होंने कहा कि कंपनी का फोकस बड़ी डील्स पर है. आगे आईटी सेक्टर के लिए माहौल चुनौती भरा रहेगा तो ऑटोमेशन, इनोवेशन पर इंफोसिस हमेशा की तरह फोकस करती रहेगी.
- वहीं विशाल सिक्का ने ट्रांसफॉर्मेशन को जरूरी बताते हुए चुनौतियों से निपटने के लिए कंपनी को ट्रांसफॉर्म करने की जरूरत पर जोर दिया.
- चौथी तिमाही में भी इंफोसिस के सॉफ्टवेयर, सर्विसेज का प्रदर्शन अच्छा रहा है.
इन्फोसिस बोर्ड ने इंडीपेंडेंट डायरेक्टर रवि वेंकटेशन को सहायक चेयरमैन भी नॉमिनेट किया है.