IT Sector: इस तिमाही गिर सकती हैं आईटी कंपनियों की कमाई, जानें क्या है कारण
IT Sector: अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में दिग्गज आईटी कंपनियों की कमाई में बड़ी गिरावट देखी जा सकती है.
IT Sector Outlook: विप्रो, इंफोसिस जैसी कंपनियों के लिए बुरी खबर है. अक्टूबर से दिसंबर तक की तिमाही में इंफोसिस (Infosys), विप्रो (Wipro), टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) जैसी कई दिग्गज आईटी कंपनियों का रेवेन्यू सालाना और तिमाही के आधार पर नीचे आ सकता है. ब्रोकरेज फर्म कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है कि इस तिमाही में पड़ने वाली छुट्टियों, खर्च में कटौती के कारण कई प्रोजेक्ट्स पर असर दिख सकता है.
ऐसे में इसका प्रभाव कंपनी की कमाई पर दिखेगा. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश की पांच दिग्गज आईटी कंपनियों में से तीन की सालाना और तिमाही के आधार पर कमाई में गिरावट देखी जा सकती है. वहीं दो कंपनियों की ग्रोथ केवल सिंगल डिजिट में रह सकती है.
कमाई में आ सकती है इतनी कमी
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के मुताबिक दिग्गज आईटी कंपनी विप्रो की कमाई (Revenue) में सालाना आधार पर 6.9 फीसदी और तिमाही के आधार पर 2.7 फीसदी की गिरावट देखी जा सकती है. वहीं इंफोसिस की सालाना आधार पर रेवेन्यू 1.9 फीसदी और तिमाही के आधार पर 2.2 फीसदी रेवेन्यू में कमी देखी जा सकती है.वहीं टेक महिंद्रा की सालाना के आधार पर कमाई में 9.4 फीसदी और तिमाही के आधार पर 0.5 फीसदी की कमी देखी जा सकती है.
पैसे खर्च करने से बच रही आईटी कंपनियां
2023 आईटी कंपनियों के लिए कई लिहाज से बेहद चुनौतीपूर्ण रहा है. ऐसे में इस रिपोर्ट में आईटी कंपनियों के 2024 के प्रदर्शन पर भी अनुमान जताया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक खर्चों में कटौती के कारण कंपनियों में बेहतर रिकवरी की उम्मीद है. ज्यादातर आईटी कंपनियां साल 2023 में भी अपने खर्चों में कटौती करने की कोशिश कर रही थी, जिस रणनीति पर वह 2024 में भी काम करती रहेगी. फिलहाल आईटी कंपनियां कोशिश कर रही है कि वह यह तय करें कि उन्हें कहां-कहां पैसे खर्च करने हैं. इसके लिए वह जनवरी से जून तक अपना पूरा ध्यान डिस्क्रेशनरी स्पेंडिंग पर लगाने वाली है. इससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि इसका असर मार्च 2024 के बाद दिखने लगेगा.
ये भी पढ़ें-
Rich Indians: इंटरनेशनल बैंकों को नहीं पसंद आ रहा भारतीय अमीरों का पैसा, कई बैंकों ने खाते किए बंद