नई दिल्ली:वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज देश का बजट पेश करने वाली हैं. इस बजट से उम्मीद की जा रही है कि इसमें महामारी से पीड़ित आम आदमी को राहत दी जायेगी. साथ ही बजट में बुनियादी ढांचे (Infrastructure Sector) के माध्यम से आर्थिक सुधार को आगे बढ़ाने पर भी ध्यान दिये जाने की भी उम्मीद है. इस वित्त वर्ष में रेलवे, सड़क और बंदरगाहों से जुड़ी कई परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं. ऐसे में इस सेक्टर को गति मिलने की पूरी उम्मीद है.


सड़क परिवहन


केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया है कि इस वित्त वर्ष में अबतक हर दिन औसतन 28.56 सड़क का निर्माण किया गया है, जो पिछले साल मार्च के आखिर तक 28 किलोमीटर था. इस साल आठ से 18 जनवरी तक देश में 547 किमी सड़कों का निर्माण किया गया है. मंत्रालय ने कहा है कि इस वित्त वर्ष के आखिर तक औसतन हर दिन कम से कम 40 किलोमीटर सड़क का निर्माण होगा. इतना ही नहीं नितिन गडकरी ने बताया है कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में अबतक लगभग एक हजार किलोमीटर ज्यादा राजमार्ग बनाए गए हैं.


रेलवे




  • दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन जैसी योजनाएं पाइपलाईन में हैं.

  • देश में फिलहाल 27 शहरों में मेट्रो परियोजनाएं चल रही हैं. ऐसे में इस क्षेत्र में फंड की जरूरत बहुत अहम होगी.


रेल मंत्रालय ने 75 हजार करोड़ रुपए के बजटीय आवंटन की मांग की है. सरकारी अधिकारी के मुताबिक, इस साल परियोजनाओं को देखते हुए बजट में रेलवे और सड़क परिवहन को अब तक का सर्वाधिक आवंटन मिल सकता है. पिछले साल यानी 2020 के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था, जो 2019 वित्त वर्ष की तुलना में 8.3 फीसदी ज्यादा था.


पीएम मोदी ने दिए थे ये संकेत


पीएम मोदी ने आगे कहा कि, ‘मैं व्यापार जगत को आश्वस्त करना चाहता हूं कि अब आर्थिक मोर्चे पर भी स्थिति तेजी से बदलेगी, मोदी ने कहा कि महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई और विकास को पुनर्जीवित करने पर अब उनका ध्यान केंद्रित है .मोदी ने कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्यूफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी क्षेत्रों में सुधारों की एक सीरीज शुरू की है, जिससे अर्थव्यवस्था को उच्च विकास पथ पर रखा गया है.


बता दें कि यह एक अंतरिम बजट समेत मोदी सरकार का नौवां बजट होने वाला है. यह बजट ऐसे समय पेश हो रहा है, जब देश कोरोना संकट से बाहर निकल रहा है. अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों का कहना है कि यह बजट कोरोना महामारी की वजह से तबाह हुई अर्थव्यवस्था को वापस जोड़ने की शुरुआत होगा. उनका यह भी कहना है कि इस बजट को महज बही-खाते अथवा लेखा-जोखा या पुरानी योजनाओं को नये कलेवर में पेश करने से अलग हटकर होना चाहिए.


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