एमएसएमई और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की कंपनियों को मिल सकता है 2 से 3 फीसदी पर लोन
सरकार का मानना है कि इन सेक्टरों को पैकेज दिया जाए तो बेरोजगारी का संकट काफी हद तक हल हो सकता है.
सरकार जल्दी ही एमएसएमई सेक्टर के लिए दूसरे बड़े राहत पैकेज का ऐलान कर सकती है. इसके साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को भी सरकार की बड़ी मदद मिल सकती है. सरकार ने पहले भी एमएसएमई सेक्टर के लिए तीन लाख करोड़ के गारंटी फ्री लोन का ऐलान किया था. लेकिन इस सेक्टर को कोई खास फायदा होते नहीं दिख रहा है. इसलिए सरकार अब इस सेक्टर के लिए एक और पैकेज के ऐलान के मूड में है. सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर की कंपनियों के लिए पैकेज ला सकती है. दोनों सेक्टर की कंपनियों को सरकार दो से तीन फीसदी की ब्याज दर पर लोन दे सकती है. कंपनियों को यह पैसा तीन साल बाद चुकाने के लिए कहा जा सकता है.
सरकार का रोजगार बढ़ाने पर जोर
दरअसल एमएसएमई और इन्फ्रास्ट्रक्चर बड़ी तादाद में रोजगार मुहैया कराते हैं. इसलिए सरकार का मानना है कि इन सेक्टरों को पैकेज दिया जाए तो बेरोजगारी का संकट काफी हद तक हल हो सकता है. एमएसएमई सेक्टर की इसलिए भी मदद की जा रही है कि छोटी कंपनियां अपने कर्मचारियों को सैलरी दे सकें. बताया जा है कि सरकार एमएसएमई और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की कंपनियों के लिए 80 से 90 हजार करोड़ रुपये का पैकेज ला सकती है . सरकार कर्मचारियों की सैलरी के लिए अटल बीमा योजना फंड का भी सहारा ले सकती है.
इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर होगा अब ज्यादा खर्च
इस बीच, सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर ज्यादा खर्च करने का फैसला किया है. इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के लिए फंड बढ़ाने और इस सेक्टर की कंपनियों के लिए सस्ती दरों पर लोन के लिए कोई बड़ी योजना लाई जा सकती है. बैंकों से इन्फ्रास्ट्र्क्चर सेक्टर की सरकारी और निजी कंपनियों के लिए कर्ज बढ़ाने के लिए कहा जाएगा. एमएसएमई विभाग के मंत्री नीतिन गडकरी ने हाल ही में कहा था कि सरकार को इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर तेजी से काम करना होगा ताकि ज्यादा से ज्यादा नौकरियां पैदा हों. उनका कहना है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की सिर्फ सरकारी कंपनियों के ही भरोसे नहीं रहा जा सकता. सरकार को इस सेक्टर की निजी कंपनियों के फंड की जरूरत को पूरा करना होगा.