बैंकों के फंसे कर्ज की रिकवरी और डूबती कंपनियों के समाधान के लिए बनाई गई नई व्यवस्था में तेजी आने लगी है. इस मामले में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण यानी एनसीएलटी ने पिछले वित्त वर्ष में एक नया रिकॉर्ड बना दिया. एनसीएलटी ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 180 समाधान योजनाओं को मंजूरी दी, जो किसी भी एक साल का सबसे बड़ा आंकड़ा है.


4 साल पहले बना रिकवरी का रिकॉर्ड


एनसीएलटी के द्वारा मंजूर किए गए रिकॉर्ड मामलों से बैंकों को भी खासी मदद मिली. पीटीआई की एक खबर के अनुसार, उन्हें पिछले वित्त वर्ष के दौरान फंसे कर्ज से कुल 51,424 करोड़ रुपये मिले. यह बैंकों के लिए वित्त वर्ष 2018-19 के बाद दूसरी सबसे ज्यादा रिकवरी है. वित्त वर्ष 2018-19 में बैंकों को 77 दिवाला समाधान प्रक्रियाओं से कुल 1.11 लाख करोड़ रुपये की रिकवरी हुई थी. उस साल बैंकों को एस्सार स्टील और मोनेट इस्पात जैसे बड़े मामलों के समाधान से रिकॉर्ड रिकवरी करने में मदद मिली थी.


कुल बकाये का 36 फीसदी रिकवर


पिछले वित्त वर्ष 2022-23 की बात करें तो बैंकों की रिकवरी करीब 36 फीसदी रही. पिछले वित्त वर्ष के दौरान एनसीएलटी ने जिन मामलों के समाधान की मंजूरी दी, उन सभी मामलों को मिलाकर बैंकों के कुल 1,42,543 करोड़ रुपये फंसे हुए थे. उनमें से 51.5 हजार करोड़ रुपये के पास की रिकवरी हो पाई, जो कुल बकाये के करीब 36 फीसदी के बराबर है.


लिक्विडेशन वैल्यू से ज्यादा हुई रिकवरी


इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया यानी आईबीबीआई के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान जिन समाधान प्रस्तावों को एनसीएलटी ने मंजूरी दी, उनकी कुल लिक्विडेशन वैल्यू 39,110.10 करोड़ रुपये थी. इसका मतलब हुआ कि जिन कंपनियों के पास बैंकों के पैसे फंसे हुए थे, अगर उनकी संपत्तियों को लिक्विडेट किया जाता तो उससे बैंकों को 39,110.10 करोड़ रुपये मिल पाते, जबकि दिवाला समाधान प्रक्रिया से उन्हें करीब 51.5 हजार करोड़ रुपये मिले. इस तरह बैंकों को कुल लिक्विडेशन वैल्यू की तुलना में 131 फीसदी ज्यादा रकम मिली.


एनसीएलटी से बैंकों को मिले इतने लाख करोड़


वित्त वर्ष 2022-23 में एनसीएलटी ने कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया यानी सीआईआरपी की शुरुआत करने के लिए बैंकों व अन्य कर्ज प्रदाताओं से 1,255 आवेदन स्वीकार किए. यह आंकड़ा भी 2019 के बाद सबसे ज्यादा है. एनसीएलटी ने वित्त वर्ष 2021-22 में 147 समाधान योजनाओं, 2020-21 में 121 समाधान योजनाओं और 2019-20 में 134 समाधान योजनाओं को मंजूरी दी थी. आंकड़ों के अनुसार, एनसीएलटी ने अपनी स्थापना से लेकर वित्त वर्ष 2022-23 तक कुल 678 समाधान योजनाओं को मंजूरी दी है और इन मामलों में बैंकों को 2.86 लाख करोड़ रुपये की रिकवरी हुई है.


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