नई दिल्ली: बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी करने वाला बीमा (संशोधन) विधेयक 2021 राज्यसभा से पास हो गया. हालांकि इस दौरान विपक्षी पार्टियों की तरफ से लगातार हंगामा जारी रहा.


बीमा (संशोधन) विधेयक 2021 पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बिल का ये कहते हुए विरोध किया कि सरकार पहले ही बीमा क्षेत्र में एफडीआई को बढ़ाकर 49 फीसदी कर चुकी है और अब इस बिल के जरिए यह सीमा 74 फीसदी की जा रही है. खड़गे ने इस बिल को संबंधित स्थायी समिति में भेजे जाने की मांग की.


ऊपरी सीमा


वहीं इसी चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा की 74 फीसदी एफडीआई का मतलब ये नहीं कि उतना निवेश जरूरी है बल्कि ये सिर्फ ऊपरी सीमा तय करती है. ये कंपनी तय करेगी कि वो कितना विदेशी निवेश रखना चाहते हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि इस बिल के प्रावधान सिर्फ इस बात की अनुमति देते हैं कि कंपनियां कुछ पैसा जुटा सकें लेकिन यह 74 फीसदी से अधिक न हो.


बिल के साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये भी कहा कि पॉलिसी धारकों का पैसा भारत में ही निवेश करना जरूरी होगा. वित्त मंत्री ने कहा, 'बीमा क्षेत्र के नियामक ने सभी पक्षों के साथ गहन विचार विमर्श के बाद इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है.' उन्होंने कहा कि 2015 में जब बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा बढ़ाकर 49 फीसदी की गई थी उसके बाद से 26,000 करोड़ रुपये का निवेश आया.


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