इंश्योरेंस क्लेम को मनमाने ढंग से खारिज नहीं कर सकती बीमा कंपनियां, साफ वजह बतानी होगी
दरअसल इरडा को लगातार ग्राहकों से बीमा क्लेम खारिज करने की शिकायतें मिल रही थीं. इन शिकायतों को बढ़ने के बाद ही इरडा ने इंश्योरेंस कंपनियों को पारदर्शिता बरतने को कहा
इंश्योरेंस पॉलिसी के ग्राहकों से लगातार मिल रहे क्लेम रिजेक्शन के दावे को भारतीय बीमा नियामक इरडा (IRDAI)ने गंभीरता से लिया है. नियामक ने साफ कहा है कि अब इंश्योरेंस कंपनियों को ग्राहकों को यह साफ तौर पर बताना होगा कि उनका क्लेम क्यों खारिज हुआ. इरडा ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि अगर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ग्राहक दावा खारिज करती है तो वह बताए कि ऐसा क्यों हुआ. साथ ही उसने कहा है इंश्योरेंस पॉलिसी के ग्राहकों के क्लेम निपटाने में ज्यादा पारदर्शिता अपनाए.
हर स्टेज पर मिले ग्राहक को जानकारी
इरडा ने अपने सर्कुलर में कहा गया है कि सभी बीमा कंपनियां ऐसी प्रक्रियाएं अपनाएं, जिनसे यह पता चलता रहे कि उनका क्लेम किस स्टेज में है. उन्हें हर स्टेज की पारदर्शी तरीके से जानकारी देनी होगी. बीमा कंपनियों को ऐसा सिस्टम बनाना होगा जिससे ग्राहक को पता चल सके कि उनका क्लेम कब मिलेगा. इरडा ने कहा कि बीमा कंपनियां ऐसी व्यवस्था करे कि ग्राहकों को उनकी वेबसाइट या ऐप के जरिये अपने क्लेम स्टेटस की जानकारी मिल सके.
सिर्फ पूर्व धारणा के आधार पर क्लेम खारिज नहीं हो सकता
इरडा ने कहा कि क्लेम के लिए अप्लाई करने से इसके सेटमलमेंट तक की पूरी जानकारी दी जानी चाहिए. 'स्वास्थ्य बीमा' दावा निपटान सर्कुलर जीवन बीमा, साधारण बीमा और एकल स्वास्थ्य बीमा कंपनियों तीसरे पक्ष प्रशासक यानी टीपीए को जारी किया गया है. इरडा ने कहा कि यदि बीमा कंपनी की ओर से टीपीए दावों का निपटान कर रहा है तो तो सभी सूचनाओं की जानकारी पॉलिसीधारकों को मिलनी चाहिए. इरडा ने बीमा कंपनियों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि किसी दावे को सिर्फ पूर्व धारणा या अनुमान के आधार पर खारिज नहीं किया जाना चाहिए. दरअसल बीमा सेक्टर में प्रतियोगिता आने वाले दिनों में काफी बढ़ सकती है. इसलिए ऐसे बीमा कंपनियों का बाजार में टिकना मुश्किल हो सकता है जो क्लेम निपटान में पारदर्शिता दिखाने में पिछड़ी हुई हैं.
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