बीमा कंपनियों का लक्ष्य हमेशा अपने ग्राहकों के लिए दावा प्रक्रिया को आसान एवं सुविधाजनक बनाना होता है. फिर यह एक सामान्य विश्वास है कि दावे का निपटारा मुश्किल काम होता है. हालांकि कुछ ऐसे उपाय हैं जिन्हें अपनाकर ग्राहक, दावा निपटारा से जुडे विवादों से बच सकते हैं.
पॉलिसी की पूरी जानकारी लें
आप जो भी पॉलिसी खरीद रहे हैं उसके बारे में सारी जानकारी हासिल करें. पॉलिसी की लाभों व सुविधाओं को जानें. प्रीमियम राशि, भुगतान अवधि की पूरी जानकारी होनी चाहिए. अपनी आय और व्यय का हिसाब लगा कर उचित बीमा राशि चुनें. रिन्यूअल प्रीमियम का समय से भुगतान करें जिससे पॉलिसी लगातार प्रभावी रहे. पॉलिसी रिन्यू नहीं होने या इसकी अवधि समाप्त हो जाने की स्थिति में, दावों पर विचार नहीं किया जाता.
आप जो पॉलिसी को खरीदना चाहते हैं उसका चुनाव कर लेने के बाद, बीमा प्रस्ताव में खुद के बारे में सभी जरूरी जानकारी सही-सही दें. आय और शिक्षा, पेशा, स्वास्थ्य (पहले से मौजूद बीमारी सहित), फैमिली हिस्ट्री और धूम्रपान एवं मद्यपान जैसी आदतों के बारे में सही और सटीक जानकारी देनी चाहिए. अगर सभी भौतिक तथ्यों के बारे में सही जानकारी दी जाती है, तो दावा खारिज होने की संभावना कम होती है.
बीमा फॉर्म खुद भरें
बीमा प्रस्ताव आप खुद भरें तो सबसे बेहतर रहेगा. अभी भी ज्यादातर लोग किसी बीमा एजेंट (से पॉलिसी खरीदना पसंद करते हैं. एजेंट पॉलिसी खरीदने और कागजी प्रक्रिया पूरी करने में लेकिन हो सके तो आप स्वयं ही फार्म भरे. या सुनिश्चित कर लें कि उसमें दी गयी सभी जानकारी पूर्ण और सही है.
आसानीपूर्वक दावों की प्रोसेसिंग के लिए, नॉमिनी और बीमा राशि में उन्हें प्राप्त होने वाले हिस्से की जानकारी जरूर दें. जरूरत पड़ने पर, आप भविष्य में कभी भी इसमें बदलाव कर सकते हैं. बीमा पॉलिसी, बीमा राशि और दावा करने की प्रक्रिया के बारे में अपने परिवार या नजदीकी मित्र को भी जानकारी दें.
बीमित व्यक्ति की मृत्यु होने पर तुरंत जानकारी दें
बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर, नॉमिनी/दावाकर्ता को बीमा कंपनी को जल्द से जल्द सूचना देनी चाहिए. इससे बीमाकर्ता को दावा को जल्द निपटारा करने में मदद मिलेगी.
बीमां कपनी आपसे दावा प्रपत्र (बीमाकर्ता द्वारा दिया जायेगा) भरने और इसे कुछ डॉक्यूमेंट्स जैसे कि पॉलिसी बॉन्ड, मृत्यु प्रमाण-पत्र, नॉमिनी के केवाईसी और बैंक विवरण के साथ उसे जमा करने के लिए कहेगी. बीमित व्यक्ति के गुम हो जाने या दुर्घटनाजन्य मृत्यु की स्थिति में, कुछ अतिरिक्त दस्तावेज़ों की ज़रूरत पड़ सकती है.
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