बीमा किसी भी व्यक्ति के लिए भविष्य में किसी भी अप्रत्याशित नुकसान से निपटने का हथियार होता है. दरअसल भविष्य का किसी को पता नहीं होता है. कल को किसी भी व्यक्ति के साथ कुछ भी अनहोनी हो सकती है, ऐसे में बीमा पॉलिसी भविष्य में हुए संभावित नुकसान की भरपाई करने में मददगार साबित होती है.


इंश्योरेंस का अर्थ होता है जोखिम से सुरक्षित करना. यदि कोई बीमा कंपनी किसी व्यक्ति का इंश्योरेंस करती है तो उस व्यक्ति को भविष्य में होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी द्वारा की जाती है. इसी प्रकार अगर किसी व्यक्ति द्वारा कार, घर या स्मार्टफोन का बीमा कराया हुआ तो उस चीज के गुम हो जाने या टूट जाने की स्थिति में भी बीमा कंपनी शर्त के हिसाब से नुकसान की भरपाई करती है.


बीमा दो प्रकार का होता है.




  • जीवन बीमा

  • साधारण बीमा (स्वास्थ्य, वाहन, पशु, घर, फसल आदी शामिल)


जीवन बीमा - जीवन बीमा के अंतर्गत बीमा पॉलिसी खरीदने वाले व्यक्ति की मृत्यु होने पर उस पर आश्रितों को बीमा कंपनी की तरफ से मुआवजा राशि प्रदान की जाती है. मान लीजिए अगर किसी परिवार के मुखिया की असमय मृत्यु हो गई है तो ऐसी स्थिति में परिवार के लिए गुजारा करना मुश्किल हो जाता है. लेकिन अगर मृत्यु से पहले व्यक्ति द्वारा जीवन बीमा लिया गया है तो फिर उसकी मौत के बाद उसकी पत्नी या बच्चों या माता पिता की आर्थिक मदद बीमा कंपनी द्वारा की जाती है. बता दें कि वित्तिय योजना में सबसे पहले किसी व्यक्ति को लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने की ही सलाह दी जाती है.


स्वास्थ्य बीमा- स्वास्थ्य बीमा साधारण बीमा के अंतर्गत आता है. इसमे व्यक्ति को भविष्य में होने वाली बीमारी के इलाज के लिए मदद की जाती है. जैसे की आजकल इलाज भी काफी महंगा हो गया है. स्वास्थ्य बीमा कराने का फायदा ये है कि अगर कोई व्यक्ति बीमार हो गया है और उसके द्वारा स्वास्थ्य बीमा पहले से कराया हुआ तो उसके इलाज का खर्च बीमा कंपनी उठाएगी. बता दें कि स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के तहत इंश्योरेंस कंपनी किसी भी प्रकार की बीमारी होने पर इलाज पर खर्च होने वाली धनराशि देती है. यहा यह भी बता दें कि किसी भी बीमारी पर होने वाले खर्च की सीमा आपकी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी पर निर्भर करती है.


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