Insurance Policy Portability: मौजूदा हैल्थ पॉलिसी को करना है कंटीन्यू पर कंपनी से नहीं है खुश तो ऐसे करा सकते हैं पोर्ट
Insurance Policy Portability: जो रेगुलर हों सिर्फ वहीं पॉलिसी पोर्ट हो सकती है. हेल्थ पॉलिसी जो बीच में ही रोक दी गई है तो उन्हें किसी दूसरी कंपनी में पोर्ट नहीं करा पाएंगे.
Insurance Policy Portability: जिस तरह आप मोबाइल कंपनी से खुश ना होने पर सिम पोर्ट करा लेते हैं उसी तरह की सुविधा आपको इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए भी मिल सकती है. इसके जरिए आप अपनी पॉलिसी को जारी रख सकते हैं और कंपनी अगर अच्छी सर्विस नहीं दे रही है तो दूसरी कंपनी में जा सकते हैं.
हेल्थ इंश्योरेंस जिस कंपनी से लेना है उसका चुनाव कर लें. हालांकि इसके लिए आपको एप्लीकेशन फॉर्म भरना होगा और नई कंपनी के जरिए नए सिरे से कुछ कागजी या ऑनलाइन कार्यवाही होगी.
ध्यान रखने वाली बात
पुरानी पॉलिसी एक्सपायर होने के 45-60 दिन पहले पॉलिसी पोर्ट के लिए अप्लाई करना जरूरी होता है. आप ऐसा नहीं कर सकते कि पॉलिसी एक्सपायर होने वाली है और इसे पोर्ट करा लें. जो रेगुलर हों सिर्फ वहीं पॉलिसी पोर्ट हो सकती है. हेल्थ पॉलिसी जो बीच में ही रोक दी गई है तो उन्हें किसी दूसरी कंपनी में पोर्ट नहीं करा पाएंगे.
क्या है इसका प्रोसेस
नई कंपनी चुनने के बाद एप्लीकेशन फॉर्म भरना होगा. नई कंपनी पोर्टिबिलिटी और प्रपोजल फॉर्म भेजेगी जिसको आपको भरना होगा. फॉर्म में निजी जानकारी से लेकर पिछली इंश्योरेंस कंपनी की जानकारी समेत कुछ जरूरी कॉलम फिल करने होंगे.
इन डॉक्यूमेंट्स को तैयार रखें
हेल्श इंश्योरेंस रिन्यू करने से संबंधित नोटिस या पिछले साल का पॉलिसी शेड्यूल
नो क्लेम बोनस क्लेम करना है तो एक घोषणापत्र तैयार रखना होगा.
कोई क्लेम किया है तो डिस्चार्ज समरी, जांच और फॉलो-अप रिपोर्ट से लेकर पिछली मेडिकल हिस्ट्री की कॉपी भी रखनी होगी.
पोर्ट कराने के विकल्प
पॉलिसी खरीदने के बाद 30 दिन का वेटिंग पीरियड
पुरानी बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड
किसी खास बीमारी के लिए वेटिंग पीरियड
पुरानी पॉलिसी को नो क्लेम बोनस नई पॉलिसी में ट्रांसफर कराने का विकल्प आपके पास है.
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