Dividend Portal: नहीं क्लेम कर पाए डिविडेंड या शेयर? अब तैयार हो रहा है ये पोर्टल, चुटकियों में मिलेगा अटका पैसा
Integrated IT Portal: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में आम बजट पेश करते हुए इस पोर्टल का प्रस्ताव रखा था. सरकार जल्द ही इस पोर्टल की शुरुआत कर सकती है...
शेयर बाजार के निवेशकों के लिए जल्द ही एक अच्छी पहल शुरू होने वाली है. सरकार एक ऐसा पोर्टल शुरू करने की तैयारी में है, जो बाजार के निवेशकों को वैसे शेयरों और डिविडेंड की जानकारी पाने में मदद करेगा, जो अनक्लेम्ड रह गए हैं. इससे हजारों निवेशकों को फायदा होने वाला है.
बजट में आया था पोर्टल का प्रस्ताव
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल फरवरी में 2023-24 का आम बजट पेश करते हुए पोर्टल का प्रस्ताव किया था. उन्होंने कहा था कि प्रस्तावित पोर्टल बाजार के निवेशकों को अनक्लेम्ड शेयरों व डिविडेंड का पता लगाने में मदद करेगा. बजट में दिए गए प्रस्ताव में कहा गया था पोर्टल की शुरुआत फरवरी 2024 तक हो जाएगी. अब ईटी की एक ताजी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जल्द ही इसकी शुरुआत की जा सकती है.
निवेशकों को क्लेम में मिलेगी मदद
इस पोर्टल के शुरू होने से वैसे हजारों निवेशकों को फायदा होगा, जिनका ठीक-ठाक फंड अनक्लेम्ड शेयरों व डिविडेंड के रूप में अटका हुआ है. इन्वेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड अथॉरिटी (Investor Education and Protection Fund Authority) के पास अभी 5,262 करोड़ रुपये की ऐसी रकम है, जिनके लिए किसी ने दावा नहीं किया है. यह फंड अनक्लेम्ड शेयरों और लाभांश का है. यह आंकड़ा मार्च 2022 तक का है. पोर्टल से निवेशकों को इस रकम पर दावा करने में मदद मिलेगी.
आईईपीएफए के पास इतनी बड़ी रकम
दरअसल वैसे शेयर, डिविडेंड या मैच्योर हो चुके डिबेंचर आईईपीएफए में ट्रांसफर कर दिए जाते हैं, जिनके लिए 7 सालों तक कोई क्लेम नहीं मिलता है. कंपनियां इन्हें आईईपीएफए के पास ट्रांसफर कर देती हैं. मार्च 2022 तक इस तरह की रकम का 5,262 करोड़ रुपये का जो आंकड़ा था, वह एक साल पहले यानी मार्च 2021 की तुलना में 9 फीसदी ज्यादा था. तब से डेढ़ साल से ज्यादा समय बीत चुका है. ऐसे में अनुमान है कि अब यह आंकड़ा 6000 करोड़ रुपये के पास पहुंच चुका होगा.
अभी लग जाता है साल भर समय
मौजूदा प्रोसेस की बात करें तो अभी ऐसे शेयरों या लाभांश को क्लेम करने के लिए करीब 2 दर्जन दस्तावेजों की जरूरत होती है, जिनकी कई स्तरों पर कई बार स्क्रूटनी होती है. इससे रिफंड का पूरा प्रोसेस साल भर से भी ज्यादा का समय ले लेता है. सरकार इस समय को घटाकर 60 दिन करना चाहती है. प्रस्तावित पोर्टल से सरकार को यह लक्ष्य पाने में मदद मिलेगी.
इस तरह से काम करेगा पोर्टल
बताया जा रहा है कि प्रस्तावित पोर्टल में इन्वेस्टर्स को सर्च का ऑप्शन मिलेगा. उस सर्च ऑप्शन की मदद से इन्वेस्टर कुछ जरूरी सूचनाएं देकर अपने अनक्लेम्ड शेयरों व डिविडेंड की जानकारी एक ही जगह पा सकेंगे. इतना ही नहीं, बल्कि पोर्टल उन्हें रिफंड की प्रक्रिया में भी मदद करेगा.
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