Intel Layoff: छंटनी करने पर मजबूर हुई ये दिग्गज सेमीकंडक्टर कंपनी, 15 फीसदी कर्मचारियों की जाने वाली है नौकरी
Intel Job Cut: एक तरफ एनविडिया और एएमडी जैसी सेमीकंडक्टर कंपनियां ऐतिहासिक तरक्की कर रही हैं, दूसरी ओर इंटेल के सामने बिजनेस में बने रहना चुनौतीपूर्ण हो गया है...
दिग्गज सेमीकंडक्टर कंपनी इंटेल अपने हजारों कर्मचारियों की छंटनी करने वाली है. कंपनी ने गुरुवार को छंटनी का ऐलान किया. उसने बताया कि वह अपने कुल कर्मचारियों के 15 फीसदी को काम से निकालने वाली है.
इंटेल के इतने कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा
इंटेल को उसके मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस में घाटा हो रहा है. कंपनी उससे उबरने का प्रयास कर रही है. उबरने के प्रयासों के तहत इंटेल ने कई उपायों का ऐलान किया है, जिनमें छंटनी भी शामिल है. कंपनी की छंटनी की योजना का असर करीब 17,500 कर्मचारियों की नौकरी पर पड़ने वाला है, जो उसके कुल कर्मचारियों के 15 फीसदी के बराबर है.
इंटेल को कमाई कम रहने की आशंका
इंटेल ने अपनी वित्तीय स्थिति को ठीक करने के लिए चौथी तिमाही से लाभांश को बंद करने का भी ऐलान किया है. दरअसल तीसरी तिमाही में कंपनी को लगता है कि उसकी कमाई बाजार के अनुमान से कम रहने वाली है. अभी दुनिया भर में पारंपरिक डेटा सेंटर सेमीकंडक्टर पर खर्च कम हो रहा है. इंटेल उन पारंपरिक सेमीकंडक्टर के मामले में सबसे बड़ी कंपनी थी. अब एआई सेमीकंडक्टर पर फोकस बढ़ा है, जिसमें इंटेल अपनी प्रतिस्पर्धियों से काफी पीछे है.
इस साल के अंत तक हो जाएगी छंटनी
इंटेल के कुल कर्मचारियों की संख्या अभी 1 लाख से ज्यादा है. 29 जून तक के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, इंटेल के कर्मचारियों की संख्या 1,16,500 थी. इसमें इंटेल की कुछ सब्सिडियरी कंपनियों के कर्मचारियों का आंकड़ा शामिल नहीं है. इंटेल का कहना है कि प्रस्तावित छंटनी को इस साल के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा. यानी प्रभावित होने वाले कर्मचारियों की नौकरी अगले 5 महीने के भीतर जाने वाली है.
इस कारण खराब हुई इंटेल की स्थिति
इंटेल यह छंटनी ऐसे समय कर रही है, जब एनविडिया और एएमडी जैसी प्रतिस्पर्धी सेमीकंडक्टर कंपनियां तेज तरक्की कर रही हैं. एनविडिया ने तो खास तौर पर एआई की सवारी कर शानदार तरक्की की है. अब एनविडिया की गिनती दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों की कतार में एप्पल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गजों के साथ होने लगा है. वहीं पारंपरिक सेमीकंडक्टर पर अटकी रही इंटेल को अब चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
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