Bank Deposit Rates: बैंक डिपॉजिट पर ब्याज दरें बढ़ने का असर, 15 दिनों में 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा जुटा लिए बैंकों ने
Bank Deposit: डिपॉजिट दरें नहीं बढ़ाने के चलते बैंकों के सामने नगदी का संकट खड़ा हो गया था. जिसके बाद बैंकों को ज्यादा ब्याज देना पड़ रहा है.
Bank Deposit Rate Hike: नवंबर महीने में आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ( Shaktikanta Das) ने सरकारी बैंकों ( Public Sector Banks) और निजी बैंकों ( Private Banks) के मैनेजिंग डायरेक्टर्स और सीईओ के साथ बैठक में कर्ज की मांग के मुकाबले डिपॉजिट ग्रोथ में गिरावट को लेकर चिंता जाहिर की थी. इसका खामियाजा भी बैंकों को उठाना पड़ा जब बैंकों के सामने नगदी का संकट खड़ा हो गया. बैंकों ने कर्ज की मांग को पूरा करने के लिए डिपॉजिट्स पर ब्याज दरें बढ़ाना शुरू किया. बैंक के इस फैसले का असर दिखने लगा है. डिपॉजिट्स पर ब्याज दरें बढ़ने के चलते केवल 15 दिनों में बैंकों ने 4 लाख करोड़ रुपसे ज्यादा डिपॉजिट आकर्षित करने में सफलता हासिल की है.
पिछले कई महीनों से बैंकों के क्रेडिट और डिपॉजिट के बीच की खाई बढ़ती जा रही थी. तमाम आंकड़े जारी हो रहे थे जो ये इशारा कर रहे थे कि जितनी कर्ज की मांग है इतना बैंकों के पास डिपॉजिट नहीं आ रहा है. ये ऐसे ही चलता रहा है तो बैंकों के पास कर्ज देने के लिए नगदी की कमी हो सकती है. ये कमी इसलिए भी थी क्योंकि आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने के बाद बैंकों ने जिस रफ्तार से कर्ज महंगा किया था उस रफ्तार से डिपॉजिट पर ब्याज दरें नहीं बढ़ाई. 2023 में बैंकों को मजबूरन डिपॉजिट्स पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी करनी पड़ी. बैंक अब 8 से 8.50 फीसदी तक डिपॉजिट्स पर ब्याज दरे रहे हैं तो स्मॉल फाइनैंस बैंक 9 से 9.50 फीसदी तक डिपॉजिट पर ब्याज दरें ऑफर कर रहे हैं.
आरबीआई ने रेपो रेट को एक साल में 4 फीसदी से बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया. पर बैंक डिपॉजिट पर ब्याज दरें नहीं बढ़ा रहे थे. ऐसे में बेहतर रिटर्न के लिए निवेशक म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे थे. यहां तक सरकार की छोटी बचत योजनाओं पर भी बेहतर रिटर्न मिल रहा था. पिछले कई महीनों तक क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात 69 फीसदी तक बढ़ गया था. लेकिन बैंकों ने डिपॉजिट को बढ़ाने में सफलता हासिल की जिसके बाद ये अनुपात घटकर 75 फीसदी पर आ गया है. बैंकों में डिपॉजिट इस वर्ष के पहले पखवाड़े में 184.5 लाख करोड़ रुपये रहा है जो बीते वर्ष के इसी अवधि के मुकाबले 10.2 फीसदी ज्यादा है. क्रेडिट भी इस दौरान 15.7 फीसदी के ग्रोथ के साथ 138.5 लाख करोड़ रुपये रहा है.
बैंकों पर डिपॉजिट दरें बढ़ाने का दबाव इसलिए भी बढ़ा क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने बजट में महिलाओं के लिए खास डिपॉजिट स्कीम का एलान कर दिया. वित्त मंत्री ने महिलाओं के लिए डिपॉजिट स्कीम का एलान किया जिसका नाम है महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट. इस योजना के तहत केवल दो साल के अवधि के डिपॉजिट पर 7.5 फीसदी सालाना ब्याज मिलेगा. वित्त मंत्री ने केवल महिलाओं के लिए नहीं बल्कि सीनियर सिटीजन के लिए डिपॉजिट स्कीम में निवेश करने की सीमा को 15 लाख से बढ़ाकर दोगुना 30 लाख रुपये कर दिया है जिसपर 8 फीसदी सालाना ब्याज मिलता है. वित्त मंत्री के इस एलान के बाद बैंकों पर अपने डिपॉजिट स्कीम को आकर्षक करने का दबाव बढ़ गया.
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