Interest Rate To Be Costly Likely: क्या बढ़ती महंगाई से चलते महंगी होगी ईएमआई?
EMI To Be Costly: इस बात की संभावना जताई जा रही है कि आरबीआई जून में ऐलान किए जाने वाले दूसरे कर्ज नीति की समीक्षा में ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला ले सकता है.
EMI To Be Costly Likely: क्या सस्ते कर्ज का दौर खत्म होने वाला है? क्या जून के बाद से कर्ज महंगा हो जाएगा. ये सवाल इन दिनों चर्चा के घेरे में हैं. वर्ष 2022-23 के लिए कर्ज नीति का ऐलान करते हुए आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया और रेपो रेट को 4 फीसदी पर बरकरार रखा. लेकिन जिस प्रकार रूस यूक्रेन युद्ध के चलते कच्चे तेल समेत सभी कमोडिटी के दाम बढ़ रहे हैं फलस्वरुप पेट्रोल डीजल समेत दूसरी चीजें महंगी हो रही है इस बात की संभावना जताई जा रही है कि आरबीआई जून में ऐलान किए जाने वाले दूसरे कर्ज नीति की समीक्षा में ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला ले सकता है.
महंगाई बनी चिंता का कारण
दरअसल मार्च महीने के लिए जो खुदरा महंगाई दर के आंकड़े आये हैं उसके मुताबिक खुदरा महंगाई दर मार्च महीने में 6.95 फीसदी पर है यानि 7 फीसदी के करीब जा पहुंचा है. महंगाई बढ़ने की बड़ी वजहों में खाद्य वस्तुओं की कीमतें, पेट्रोल डीजल समेत गैस, एल्युमिनियन, खाद, खाने के तेल के दामों में बढ़ोतरी है. आग में घी का काम करेगा इंडोनेशिया द्वारा पाम ऑयल के एक्सपोर्ट्स पर लगाया गया बैन.
ब्याज दरें बढ़ने की आशंका
मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान करते हुए आरबीआई गर्वनर ने कहा था कि अब सेंट्रल बैंक की प्राथमिकता महंगाई पर नियंत्रण लगाने की है. वैसे भी मौजूदा समय में खुदरा महंगाई दर आरबीआई के बर्दाश्त सीमा 6 फीसदी से ज्यादा है. पूर्व आरबीआई गर्वनर रघुराम राजन ने भी हाल ही में कहा है कि सेंट्रेल बैंक को कभी ना कभी तो ब्याज दरें बढ़ानी पड़ेगी. रघुराम राजन ने कहा कि राजनेताओं और ब्यूरोक्रेट्स को समझना होगा कि ब्याज दरें बढ़ाना कोई राष्ट्रविरोधी गतिविधि नहीं है. बल्कि ये आर्थिक स्थायित्व में एक तरह का निवेश है.
आरबीआई ने खुद बढ़ाया महंगाई दर का अनुमान
आरबीआई गर्वनर कह चुके हैं 24 फऱवरी को शुरू हुए युद्ध ने कई चुनौतियां पेश कर दी है. यूरोप में जो विवाद है वो दुनिया के आर्थिक विकास को पटरी से उतारने की क्षमता रखता है. कमोडिटी के दामों में लगातार तेजी देखी जा रही है जिसमें कच्चा तेल, गैस, एल्युमिनियन, खाद, खाने के तेल शामिल है. इसके चलते महंगाई दर का जो लक्ष्य रखा था वो पीछे छूट गया है. आरबीआई ने इस वर्ष 2022-23 में खुदरा महंगाई दर 5.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. 2021-22 के लिए आरबीआई ने खुदरा महंगाई दर का लक्ष्य 4.5 फीसदी रखा था. यानि आरबीआई भी मान रहा कि आने वाले दिनों में महंगाई लोगों को परेशान कर सकती है. तो इसपर लगाम लगाने के लिए आरबीआई कर्ज महंगा कर सकता है.
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