खेती से होने वाली कमाई पर भारत में इनकम टैक्स नहीं लगता है. हालांकि हो सकता है जल्दी ही इसमें बदलाव हो और खेती से होने वाली कमाई इनकम टैक्स के दायरे में आ जाए. नया बजट पेश होने से ऐन पहले इस बारे में नए सिरे से बहस शुरू हो चुकी है.
अमीर किसानों पर टैक्स की वकालत
ताजा मामले में खेती की कमाई पर इनकम टैक्स की वकालत की है रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति यानी आरबीआई एमपीसी की सदस्य आशिमा गोयल ने. न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई एमपीसी मेंबर गोयल ने देश के अमीर किसानों पर इनकम टैक्स लगाने की पैरवी की है. गोयल का कहना है कि इससे टैक्स सिस्टम में फेयरनेस आएगी.
टैक्स सिस्टम में आएगी फेयरनेस
बकौल रिपोर्ट, आशिमा गोयल का कहना है- सरकार गरीब किसानों के बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर उनका ख्याल रख रही है. सरकार इसकी भरपाई के लिए अमीर किसानों पर इनकम टैक्स लगा सकती है. इससे टैक्स सिस्टम में फेयरनेस आएगी.
किसानों को मिल रही ये मदद
गोयल का इशारा प्रधानमंत्री किसान योजना की ओर था. हालांकि उन्होंने योजना का नाम नहीं लिया. पीएम किसान योजना के तहत देश के करोड़ों गरीब किसानों के बैंक अकाउंट में सरकार की ओर से पैसे ट्रांसफर किए जाते हैं. इसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि कहा जाता है. इस योजना की शुरुआत दिसंबर 2018 में की गई थी. इसके तहत लाभार्थी किसानों को साल में 6000 रुपये भेजे जाते हैं. यह रकम 2-2 हजार रुपये की तीन बराबर किस्त में डीबीटी के जरिए सीधे लाभार्थी किसानों के बैंक अकांउट में ट्रांसफर की जाती है.
निगेटिव इनकम टैक्स है सरकारी मदद
आरबीआई एमपीसी मेंबर गोयल का मानना है कि यह एक तरह से निगेटिव इनकम टैक्स है. उन्होंने कहा कि सरकार इसके साथ पॉजिटिव इनकम टैक्स वसूल कर सकती है, जिसे अमीर किसानों के ऊपर लगाया जा सकता है. गोयल से पूछा गया था कि क्या भारत में खेती से होने वाली कमाई को इनकम टैक्स के दायरे में लाया जाना चाहिए.
मौजूदा इनकम टैक्स कानून
अभी इनकम टैक्स के सेक्शन 10(1) के तहत एग्रीकल्चरल इनकम को इनकम टैक्स से छूट दी गई है. हालांकि हर तरह की खेती से होने वाली कमाई को इनकम टैक्स से छूट नहीं प्राप्त है. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 2(1ए) के तहत उन एग्रीकल्चरल इनकम को डिफाइन किया गया है, जिनके ऊपर देश में इनकम टैक्स नहीं लगता है.
बजट में अब बस इतना समय
गोयल ने यह वकालत ऐसे समय की है, जब नया बजट होने में अब दो सप्ताह से भी कम समय बचा है. संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हो रहा है. पहले दिन आर्थिक समीक्षा के बाद 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. चुनावी साल होने के कारण इस बार अंतरिम बजट आएगा. यह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का लगातार छठा बजट होगा.
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